हमारे नेता
हमारे नेताजी के थाट बडे,
खा खा के पेट बडे.
गरीब जनता को, देते हो आश्वासन बडे,
चुनाव मे जीतने के बाद,हात कर देते हो खडे.
प्रचार मे आपने मान्गे सबको वोट,
जीतने के बाद,आपके मन मे आई खोट.
महगांई से जनता हो गई त्रस्त,
आपके वादो ने,कीए है सबके होसले पस्त.
क्यू करते हो ईतना गोलमाल,
जनता के पैसे खाके,हो गये हो मालामाल.
जाती धर्म पर करवाते हो दंगे,
आज भी फूटपात पर,सोते है भुके नंगे.
पुरी तरह छा गया है भ्रष्टाचार,
पडे लीखे भी,हमारे देश मे बेरोजगार.
आपने तो जानवरो को भी नही छोडा,
उनका चारा भी बेचा है थोडा थोडा.
खा खा के कीतना खाओगे,
उपर जाके भगवान को, कया मु दीखाओगे.
रीशवत खोरिका बंद करो धंदा,
अपने देश को मत करो शर्मीन्दा.
एक ना एक दीन,जनता जागेगी,
हमारे व्यवस्था मे परिवर्तन लाएगी…