Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Dec 2020 · 1 min read

हमारा लोकतंत्र

आज.हमारा.लोकतंत्र पूरीतरह से धरती परनही.उतर।पाया.है।यहतत्र.कमँचारीयो.का।और,नेताऔ.का.तनत्र.बनकर.रह.गया. है.आज.कोई.भी. सरकार. गरीबीकी.परिभाषा. तक.नहीं. बना. पाई.है.इसके. लिए. हम.भी. जवाब दार.है.अब.हमें. सघर्ष. करना. होगा. तभी. हम.लोकतंत्र. की.परिभाषा. लिख.पायगे. ये. मानव.समाज. जागों. अपनी. वीरता. का.परचय.दो. भारत. को.फिर से. सोने. की.चिडिया. बना ये गे.आज.का.इनसान. सत्य. बोलने.से. भी.डर ने. लगा.है.
सूरकभी.मोत.से. नही. डरता. है

Language: Hindi
Tag: लेख
192 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बेटा तेरे बिना माँ
बेटा तेरे बिना माँ
Basant Bhagawan Roy
*सुख या खुशी*
*सुख या खुशी*
Shashi kala vyas
मेरा जीवन बसर नहीं होता।
मेरा जीवन बसर नहीं होता।
सत्य कुमार प्रेमी
*हंगामा करने वाले, समझो बस शोर मचाते हैं (हिंदी गजल)*
*हंगामा करने वाले, समझो बस शोर मचाते हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*साँसों ने तड़फना कब छोड़ा*
*साँसों ने तड़फना कब छोड़ा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
'आप ' से ज़ब तुम, तड़ाक,  तूँ  है
'आप ' से ज़ब तुम, तड़ाक, तूँ है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
शेखर सिंह
शेखर सिंह
शेखर सिंह
Behaviour of your relatives..
Behaviour of your relatives..
Suryash Gupta
कर मुसाफिर सफर तू अपने जिंदगी  का,
कर मुसाफिर सफर तू अपने जिंदगी का,
Yogendra Chaturwedi
* बातें मन की *
* बातें मन की *
surenderpal vaidya
सोनेवानी के घनघोर जंगल
सोनेवानी के घनघोर जंगल
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
💐प्रेम कौतुक-257💐
💐प्रेम कौतुक-257💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
औरों के संग
औरों के संग
Punam Pande
कितना कुछ सहती है
कितना कुछ सहती है
Shweta Soni
उम्मीद कभी तू ऐसी मत करना
उम्मीद कभी तू ऐसी मत करना
gurudeenverma198
God is Almighty
God is Almighty
DR ARUN KUMAR SHASTRI
नदी की बूंद
नदी की बूंद
Sanjay ' शून्य'
पढ़ने को आतुर है,
पढ़ने को आतुर है,
Mahender Singh
दो शे'र ( चाँद )
दो शे'र ( चाँद )
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
3067.*पूर्णिका*
3067.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
भाग्य - कर्म
भाग्य - कर्म
Buddha Prakash
दोहा त्रयी. . . .
दोहा त्रयी. . . .
sushil sarna
जो दिल दरिया था उसे पत्थर कर लिया।
जो दिल दरिया था उसे पत्थर कर लिया।
Neelam Sharma
ज़िंदगी क्या है ?
ज़िंदगी क्या है ?
Dr fauzia Naseem shad
दीवारें ऊँचीं हुईं, आँगन पर वीरान ।
दीवारें ऊँचीं हुईं, आँगन पर वीरान ।
Arvind trivedi
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - २)
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - २)
Kanchan Khanna
रंगीन हुए जा रहे हैं
रंगीन हुए जा रहे हैं
हिमांशु Kulshrestha
कुछ लोग हेलमेट उतारे बिना
कुछ लोग हेलमेट उतारे बिना
*Author प्रणय प्रभात*
मशाल
मशाल
नेताम आर सी
"भलाई"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...