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16 Aug 2017 · 1 min read

” ————————————- हमको नहीं बहा ले ” !!

समझ नहीं कुछ पाए तुझको , खत में क्या लिख डालें !
नाम नाम ही रट पाएं हैं , आगे क्या कह डालें !!

सोच में डूबे कुछ तय ना है , क्या है कदम उठाना !
खुशबू जैसे हवा में उड़ते , कैसे भाव सम्भालें !!

प्रश्नचिन्ह आंखों में उभरे , समाधान हम खोजें !
अनुत्तरित उत्तर को यों हम , किसके करें हवाले !!

तेरा आना रहा प्रतीक्षित , मन को बहलाता है !
अविरल बहे ,समय की धारा , हमको नहीं बहा ले !!

तुम भी हो चितचोर बड़े ही , हम भी कोई कम ना !
डोल रहे हैं अपनी मस्ती , जैसे दो मतवाले !!

कुन्दन कुन्दन प्यार हमारा , देखो दमक रहा है !
जिन नयनन में आन बसे हो , वे तो हैं कजियाले !!

चेहरे पड़ते लोग यहां पर , मुश्किल है बच पाना !
लाल लाल डोरे लज़्ज़ा के , सारी चुगली खा लें !!

बृज व्यास

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