Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Jul 2016 · 1 min read

हमको तुमसे प्यार हुआ है !

हमको तुमसे प्यार हुआ है !

ऐसा पहली बार हुआ है !!

देख मधुभरी आँखों को !

दिल का दिल से वार हुआ है !!

फूलों जैसी हँसती खिलती !

ये दिल भी गुलजार हुआ है !!

प्यार में धोखा सब पाते है !

फिर भी दिल तैयार हुआ है !!

देख तेरे भोलेपान को !

दिल वसंत बहार हुआ है !!

जबसे तुमसे प्यार हुआ है !

जीना भी दुस्वार हुआ है !!

1 Comment · 439 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"स्वार्थी रिश्ते"
Ekta chitrangini
जिंदगी का सवेरा
जिंदगी का सवेरा
Dr. Man Mohan Krishna
ईश्वर से ...
ईश्वर से ...
Sangeeta Beniwal
सत्य से सबका परिचय कराएं आओ कुछ ऐसा करें
सत्य से सबका परिचय कराएं आओ कुछ ऐसा करें
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Ek gali sajaye baithe hai,
Ek gali sajaye baithe hai,
Sakshi Tripathi
"चोट्टे की दाढ़ी में झाड़ू की सींक
*Author प्रणय प्रभात*
" पुराने साल की बिदाई "
DrLakshman Jha Parimal
द़ुआ कर
द़ुआ कर
Atul "Krishn"
पुस्तक समीक्षा -राना लिधौरी गौरव ग्रंथ
पुस्तक समीक्षा -राना लिधौरी गौरव ग्रंथ
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
"गाँव की सड़क"
Radhakishan R. Mundhra
सब्र का बांँध यदि टूट गया
सब्र का बांँध यदि टूट गया
Buddha Prakash
... और मैं भाग गया
... और मैं भाग गया
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
*अध्यापिका
*अध्यापिका
Naushaba Suriya
सरकार हैं हम
सरकार हैं हम
pravin sharma
23/70.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/70.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हाइकु शतक (हाइकु संग्रह)
हाइकु शतक (हाइकु संग्रह)
Dr. Pradeep Kumar Sharma
काम ये करिए नित्य,
काम ये करिए नित्य,
Shweta Soni
नवरात्रि के चौथे दिन देवी दुर्गा के कूष्मांडा स्वरूप की पूजा
नवरात्रि के चौथे दिन देवी दुर्गा के कूष्मांडा स्वरूप की पूजा
Shashi kala vyas
भारत और इंडिया तुलनात्मक सृजन
भारत और इंडिया तुलनात्मक सृजन
लक्ष्मी सिंह
गुरु और गुरू में अंतर
गुरु और गुरू में अंतर
Subhash Singhai
धरातल की दशा से मुंह मोड़
धरातल की दशा से मुंह मोड़
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
*फागुन कह रहा मन से( गीत)*
*फागुन कह रहा मन से( गीत)*
Ravi Prakash
कहीं  पानी  ने  क़हर  ढाया......
कहीं पानी ने क़हर ढाया......
shabina. Naaz
पर्यावरण
पर्यावरण
Madhavi Srivastava
जागृति
जागृति
Shyam Sundar Subramanian
जब कभी तुम्हारा बेटा ज़बा हों, तो उसे बताना ज़रूर
जब कभी तुम्हारा बेटा ज़बा हों, तो उसे बताना ज़रूर
The_dk_poetry
अनसोई कविता............
अनसोई कविता............
sushil sarna
गृहस्थ के राम
गृहस्थ के राम
Sanjay ' शून्य'
अखंड भारत
अखंड भारत
विजय कुमार अग्रवाल
अपनी ही निगाहों में गुनहगार हो गई हूँ
अपनी ही निगाहों में गुनहगार हो गई हूँ
Trishika S Dhara
Loading...