23/170.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
वो इशक तेरा ,जैसे धीमी धीमी फुहार।
ज़ुल्फो उड़ी तो काली घटा कह दिया हमने।
वसुधैव कुटुंबकम है, योग दिवस की थीम
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
ये भी क्या जीवन है,जिसमें श्रृंगार भी किया जाए तो किसी के ना
युद्ध घोष
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
💐 Prodigy Love-44💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मुझको मालूम है तुमको क्यों है मुझसे मोहब्बत
*हारो तो उठकर करो, दूने श्रम से काम (कुंडलिया)*
कभी लगते थे, तेरे आवाज़ बहुत अच्छे
थोड़ी दुश्वारियां ही भली, या रब मेरे,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
सुन लेते तुम मेरी सदाएं हम भी रो लेते
चमकते सूर्य को ढलने न दो तुम