Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Aug 2016 · 1 min read

हकीकत

किस्मत के हाथो वही मजबूर होते है हकीकत से जो दूर होते है सजा आज उन्हे मिलती है जो बेकसूर होते है।

Language: Hindi
Tag: शेर
299 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आया बसन्त आनन्द भरा
आया बसन्त आनन्द भरा
Surya Barman
तरुण
तरुण
Pt. Brajesh Kumar Nayak
-- क्लेश तब और अब -
-- क्लेश तब और अब -
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
नेह निमंत्रण नयनन से, लगी मिलन की आस
नेह निमंत्रण नयनन से, लगी मिलन की आस
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
हम जियें  या मरें  तुम्हें क्या फर्क है
हम जियें या मरें तुम्हें क्या फर्क है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*होली का हवन (दस दोहे, एक मुक्तक)*
*होली का हवन (दस दोहे, एक मुक्तक)*
Ravi Prakash
ज़िंदगी तेरे सवालों के
ज़िंदगी तेरे सवालों के
Dr fauzia Naseem shad
सह जाऊँ हर एक परिस्थिति मैं,
सह जाऊँ हर एक परिस्थिति मैं,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
माँ तुझे प्रणाम
माँ तुझे प्रणाम
Sumit Ki Kalam Se Ek Marwari Banda
ठगी
ठगी
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
बरबादी   का  जश्न  मनाऊं
बरबादी का जश्न मनाऊं
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मन काशी मन द्वारिका,मन मथुरा मन कुंभ।
मन काशी मन द्वारिका,मन मथुरा मन कुंभ।
विमला महरिया मौज
प्रेम विवाह करने वालों को सलाह
प्रेम विवाह करने वालों को सलाह
Satish Srijan
मैं आंसू बहाता रहा,
मैं आंसू बहाता रहा,
अनिल अहिरवार"अबीर"
आप और हम जीवन के सच................एक सोच
आप और हम जीवन के सच................एक सोच
Neeraj Agarwal
तुम वादा करो, मैं निभाता हूँ।
तुम वादा करो, मैं निभाता हूँ।
अजहर अली (An Explorer of Life)
एक टहनी एक दिन पतवार बनती है,
एक टहनी एक दिन पतवार बनती है,
Slok maurya "umang"
श्रेष्ठ वही है...
श्रेष्ठ वही है...
Shubham Pandey (S P)
राम समर्पित रहे अवध में,
राम समर्पित रहे अवध में,
Sanjay ' शून्य'
■उलाहना■
■उलाहना■
*Author प्रणय प्रभात*
जी रहे है तिरे खयालों में
जी रहे है तिरे खयालों में
Rashmi Ranjan
"स्वर्ग-नरक की खोज"
Dr. Kishan tandon kranti
अपना सपना :
अपना सपना :
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
*मूर्तिकार के अमूर्त भाव जब,
*मूर्तिकार के अमूर्त भाव जब,
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
राखी का कर्ज
राखी का कर्ज
Mukesh Kumar Sonkar
हम गांव वाले है जनाब...
हम गांव वाले है जनाब...
AMRESH KUMAR VERMA
*साम वेदना*
*साम वेदना*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
💐अज्ञात के प्रति-41💐
💐अज्ञात के प्रति-41💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
संचित सब छूटा यहाँ,
संचित सब छूटा यहाँ,
sushil sarna
भगिनि निवेदिता
भगिनि निवेदिता
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Loading...