Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Jun 2019 · 1 min read

सफ़र

मंजिल का पता नहीं..
सफ़र कभी रुका नहीं..
रूह को सुकून मिले..
ढूंढे एक ऐसी ठौर..
बेवजह मुस्कान लिए..
बढ़ रहा उस और..
उबड़ खाबड़ रास्तों पर..
डगमगाती कदम ताल..
मिलते हुए कुछ दोस्त..
पूछते हैं हालचाल..
अभी शीतल शाम आएगी..
या फिर धूप जलायेगी..
कैसा क्यों ये बदलाव..
क्यों धधक रहा..
समय का ये अलाव..
क्षणभंगुर सी मरीचिका में..
ख़ोज उस शास्वत की..
तलाश जारी है..
या अलाव लील रहा है..
सफ़र को मंजिल को..

Language: Hindi
1 Like · 210 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सवालिया जिंदगी
सवालिया जिंदगी
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
वो कहती हैं ग़ैर हों तुम अब! हम तुमसे प्यार नहीं करते
वो कहती हैं ग़ैर हों तुम अब! हम तुमसे प्यार नहीं करते
The_dk_poetry
आप किसी का कर्ज चुका सकते है,
आप किसी का कर्ज चुका सकते है,
Aarti sirsat
2
2
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
ब्रांड. . . .
ब्रांड. . . .
sushil sarna
दिलों में प्यार भी होता, तेरा मेरा नहीं होता।
दिलों में प्यार भी होता, तेरा मेरा नहीं होता।
सत्य कुमार प्रेमी
💐Prodigy Love-21💐
💐Prodigy Love-21💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
ग़ज़ल:- रोशनी देता है सूरज को शरारा करके...
ग़ज़ल:- रोशनी देता है सूरज को शरारा करके...
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
छल
छल
गौरव बाबा
मैं
मैं "लूनी" नही जो "रवि" का ताप न सह पाऊं
ruby kumari
मंजिल का आखरी मुकाम आएगा
मंजिल का आखरी मुकाम आएगा
कवि दीपक बवेजा
**वसन्त का स्वागत है*
**वसन्त का स्वागत है*
Mohan Pandey
कैसा कोलाहल यह जारी है....?
कैसा कोलाहल यह जारी है....?
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
"सुर्खियाँ"
Dr. Kishan tandon kranti
*पिता*...
*पिता*...
Harminder Kaur
Live in Present
Live in Present
Satbir Singh Sidhu
बढ़ता कदम बढ़ाता भारत
बढ़ता कदम बढ़ाता भारत
AMRESH KUMAR VERMA
धर्म निरपेक्षता
धर्म निरपेक्षता
ओनिका सेतिया 'अनु '
■ आज का शेर...
■ आज का शेर...
*Author प्रणय प्रभात*
विवेकवान मशीन
विवेकवान मशीन
Sandeep Pande
महानगर की जिंदगी और प्राकृतिक परिवेश
महानगर की जिंदगी और प्राकृतिक परिवेश
कार्तिक नितिन शर्मा
सच जिंदा रहे(मुक्तक)
सच जिंदा रहे(मुक्तक)
दुष्यन्त 'बाबा'
कसूर उनका नहीं मेरा ही था,
कसूर उनका नहीं मेरा ही था,
Vishal babu (vishu)
वक्रतुंडा शुचि शुंदा सुहावना,
वक्रतुंडा शुचि शुंदा सुहावना,
Neelam Sharma
वार
वार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
और तो क्या ?
और तो क्या ?
gurudeenverma198
आज के रिश्ते
आज के रिश्ते
पूर्वार्थ
मतदान
मतदान
साहिल
मां का घर
मां का घर
नूरफातिमा खातून नूरी
शब्द शब्द उपकार तेरा ,शब्द बिना सब सून
शब्द शब्द उपकार तेरा ,शब्द बिना सब सून
Namrata Sona
Loading...