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15 Dec 2016 · 1 min read

स्वागत आगत वर्ष तुम्हारा

नोटबंदी ने , बहुत है मारा
मुश्किल है ,अब और गुजारा
कुछ तो राहत लेकर आओ
स्वागत आगत वर्ष तुम्हारा

जीवन कितना सिमट गया है
लाइन में ही बस लिपट गया है
आकर थोड़ा कैश दिलाओ
जितना था सब , निबट गया है
नए साल में देखो अबकी
रखना थोड़ा , ध्यान हमारा
कुछ तो राहत लेकर आओ
स्वागत आगत वर्ष तुम्हारा

आशाओं के अच्छे दिन की
सूरत अबके , दिखला देना
कहाँ छुपे हैं वो कठोर कुछ
पता ठिकाना , बतला देना
कोने कोने जगह जगह मैं
ढूँढ रहा कब से बेचारा
कुछ तो राहत लेकर आओ
स्वागत आगत वर्ष तुम्हारा

युवाओं का , ध्यान करो कुछ
रोजगार सब सुख रहे है
गिने चुने ही , लोग देश को
देख लो कैसे लूट रहे हैं
काश कि अबके नए साल में
चमके उनका , भी कोई तारा
कुछ तो राहत लेकर आओ
स्वागत आगत वर्ष तुम्हारा

देखो सरदी , के मौसम हैं
बिना वस्त्र के , बहुत बदन हैं
आओ उनकी भी कुछ सोचें
बड़ी जानलेवा ठिठुरन है
उनको भी तो कहीं से कोई
मिल जाए कुछ , गर्म सहारा
कुछ तो राहत लेकर आओ
स्वागत आगत वर्ष तुम्हारा

कुछ तो राहत लेकर आओ
स्वागत आगत वर्ष तुम्हारा

सुन्दर सिंह
14.12.2016

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 250 Views
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