Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Jan 2019 · 1 min read

स्वागतम् २०१९

?? “आंग्ल नववर्ष २०१९ मंगलमय हो” ??
??????????

पूजित पावन प्रेममय, बहे सरस रसधार!
यथायोग्य अग्रज अनुज, नमन करें स्वीकार!!
नमन करें स्वीकार, निवेदित नवल बधाई!
नित निर्झर नववर्ष, सभी को हो सुखदाई!
‘तेज’ करे अरदास, फले फूले घर आँगन!
स्वागत आगत वर्ष, सफलतम पूजित पावन!

??????????
?तेज✏मथुरा✍?

579 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
2. काश कभी ऐसा हो पाता
2. काश कभी ऐसा हो पाता
Rajeev Dutta
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
"ऐ जिन्दगी"
Dr. Kishan tandon kranti
ज़रा पढ़ना ग़ज़ल
ज़रा पढ़ना ग़ज़ल
Surinder blackpen
इजोत
इजोत
श्रीहर्ष आचार्य
क़यामत ही आई वो आकर मिला है
क़यामत ही आई वो आकर मिला है
Shweta Soni
ॐ शिव शंकर भोले नाथ र
ॐ शिव शंकर भोले नाथ र
Swami Ganganiya
**बकरा बन पल मे मै हलाल हो गया**
**बकरा बन पल मे मै हलाल हो गया**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
"एक सुबह मेघालय की"
अमित मिश्र
💐अज्ञात के प्रति-152💐
💐अज्ञात के प्रति-152💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मैं लिखता हूँ जो सोचता हूँ !
मैं लिखता हूँ जो सोचता हूँ !
DrLakshman Jha Parimal
तहरीर
तहरीर
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जब लोग आपसे खफा होने
जब लोग आपसे खफा होने
Ranjeet kumar patre
सावन और स्वार्थी शाकाहारी भक्त
सावन और स्वार्थी शाकाहारी भक्त
Dr MusafiR BaithA
मत गुजरा करो शहर की पगडंडियों से बेखौफ
मत गुजरा करो शहर की पगडंडियों से बेखौफ
Damini Narayan Singh
तुकबन्दी अब छोड़ो कविवर,
तुकबन्दी अब छोड़ो कविवर,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
बचपन से जिनकी आवाज सुनकर बड़े हुए
बचपन से जिनकी आवाज सुनकर बड़े हुए
ओनिका सेतिया 'अनु '
मुझको कुर्सी तक पहुंचा दे
मुझको कुर्सी तक पहुंचा दे
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*सुंदर भरत चरित्र (कुंडलिया)*
*सुंदर भरत चरित्र (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
2777. *पूर्णिका*
2777. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
शुभ रात्रि मित्रों.. ग़ज़ल के तीन शेर
शुभ रात्रि मित्रों.. ग़ज़ल के तीन शेर
आर.एस. 'प्रीतम'
■ कोशिश हास्यास्पद ही नहीं मूर्खतापूर्ण भी।।
■ कोशिश हास्यास्पद ही नहीं मूर्खतापूर्ण भी।।
*Author प्रणय प्रभात*
सूर्य देव की अरुणिम आभा से दिव्य आलोकित है!
सूर्य देव की अरुणिम आभा से दिव्य आलोकित है!
Bodhisatva kastooriya
लौटना मुश्किल होता है
लौटना मुश्किल होता है
Saraswati Bajpai
बड़ा अखरता है मुझे कभी कभी
बड़ा अखरता है मुझे कभी कभी
ruby kumari
एक पिता की पीर को, दे दो कुछ भी नाम।
एक पिता की पीर को, दे दो कुछ भी नाम।
Suryakant Dwivedi
आने वाला वर्ष भी दे हमें भरपूर उत्साह
आने वाला वर्ष भी दे हमें भरपूर उत्साह
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
बांध रखा हूं खुद को,
बांध रखा हूं खुद को,
Shubham Pandey (S P)
काश़ वो वक़्त लौट कर
काश़ वो वक़्त लौट कर
Dr fauzia Naseem shad
फायदा उठाया है उसने अपने पद का
फायदा उठाया है उसने अपने पद का
कवि दीपक बवेजा
Loading...