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2 Feb 2017 · 1 min read

स्वरचित दोहे

स्वरचित दोहे
*****
छोटे मुँह की बात भी,ऊँची राह सुझाय ।
सीख कहीं से भी मिले, सीखो ध्यान लगाय ।।

*****
औरन को अपना कहें , सुनते उनकी बात
अपनों की सुध है नहीं उनसे करते घात)

*****
ऐसा नाम कमाइए, मन के खोले द्धार
अपनों की सुध लीजिये, बढे प्रेम व्यव्हार

*****
खुशियों की खामोशियां , खा जाती सुख चैन।
यादें ना हो साथ तो ,दिन बीते ना रैन ।।

*****
Alka S.Lalit
copy right

Language: Hindi
864 Views
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