Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Dec 2016 · 2 min read

दो पल की मौत

एक ठोकर सी लगी दिल में सांसें ही थम गईं ।

झटका था इस कदर की रूह तक सहम गई ।

चारों ओर सन्नाटा था हर ओर अंधेरा था ।

ये कहां पहुंच गया में मुझको सायों ने घेरा था ।

थोड़ी ही देर में मुझको कुछ आवाज सुनाई दी ।

घबराहट तब कम हुई जब भैंस आती दिखाई दी ।

जो कुछ भी में देख रहा वो पहले से अनदेखा था ।

हंसी आ गई घबराई सी जब भैंस पर दूल्हा देखा था ।

कुछ ढोल पीट रहे थे कुछ शंखनाद करने लगे ।

कुछ समझ ना आया क्यों सब उससे फरियाद करने लगे ।

दूल्हे के एक इशारे पर रोशनी छाई चारों ओर ।

होश उड़ गये हमारे देखकर हुआ में भय विभोर ।

पकड़े थे जो मुझको उन मुस्तन्डों का रंग काला था ।

घर्णित मुंह से देखा उनको बमुश्किल होश संभाला था ।

कौन था वो भैंसे पर मसखरा जिसका लिवाज था ।

घूर रहा था मुझको ऐसे जैसे हमसे नाराज था ।

बारी बारी से सब उसको कुछ सुनाने लगे ।

कुछ देर से वो मेरा परिचय उससे कराने लगे ।

बातें उनकी सुनकर हम भी कुछ घबराने लगे ।

ना मिला जिनसे कभी वो हमारी कहानी सुनाने लगे ।

एक डाकिये ने हमारी दास्तान उसको बतलाई ।

जो हम भी भूल चुके थे वो बातें याद दिलाई ।

वो बोला क्यों लाये इसे ये मौत से काफी दूर है ।

गुनाह नहीं कोई इसका बस यह तो इश्क में चूर है ।

ले जाओ वापिस इसे अभी बहुत काम करना है ।

शायरों में अपना नाम और आशिक दिलों को गुलाम करना है ।

शायर ऐ हिंद और बहुत कुछ इसे कहा जायेगा ।

धीरे-धीरे ही सही ये हर दिल पर छा जायेगा ।

उसके एक इशारे पर हमको वहीं से फेंका ।

हाथ पैर सब सलामत थे जब उठकर हमने देखा ।

सलामत होकर भी में इसकदर बेवजह चिल्लाया ।

होश तो आया तब जब मां ने कान के नीचे बजाया ।

रोते हुये उन्होंने हमको सीने से लगाया ।

ना करना फिर ऐसा मजाक बड़े प्यार से समझाया ।

Language: Hindi
681 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हनुमान बनना चाहूॅंगा
हनुमान बनना चाहूॅंगा
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
💐प्रेम कौतुक-510💐
💐प्रेम कौतुक-510💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जीवित रहने से भी बड़ा कार्य है मरने के बाद भी अपने कर्मो से
जीवित रहने से भी बड़ा कार्य है मरने के बाद भी अपने कर्मो से
Rj Anand Prajapati
जी चाहता है रूठ जाऊँ मैं खुद से..
जी चाहता है रूठ जाऊँ मैं खुद से..
शोभा कुमारी
नव कोंपलें स्फुटित हुई, पतझड़ के पश्चात
नव कोंपलें स्फुटित हुई, पतझड़ के पश्चात
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
नज़राना
नज़राना
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
हो गई तो हो गई ,बात होनी तो हो गई
हो गई तो हो गई ,बात होनी तो हो गई
गुप्तरत्न
अधूरा सफ़र
अधूरा सफ़र
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
देश के संविधान का भी
देश के संविधान का भी
Dr fauzia Naseem shad
कहां  गए  वे   खद्दर  धारी  आंसू   सदा   बहाने  वाले।
कहां गए वे खद्दर धारी आंसू सदा बहाने वाले।
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
रूठते-मनाते,
रूठते-मनाते,
Amber Srivastava
बात सीधी थी
बात सीधी थी
Dheerja Sharma
मंत्र: पिडजप्रवरारूढा, चंडकोपास्त्रकैर्युता।
मंत्र: पिडजप्रवरारूढा, चंडकोपास्त्रकैर्युता।
Harminder Kaur
2636.पूर्णिका
2636.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
"अपेक्षा"
Yogendra Chaturwedi
मुड़े पन्नों वाली किताब
मुड़े पन्नों वाली किताब
Surinder blackpen
नेता (पाँच दोहे)
नेता (पाँच दोहे)
Ravi Prakash
"सोचिए"
Dr. Kishan tandon kranti
जन जन में खींचतान
जन जन में खींचतान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
दहलीज़ पराई हो गई जब से बिदाई हो गई
दहलीज़ पराई हो गई जब से बिदाई हो गई
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
इस सियासत का ज्ञान कैसा है,
इस सियासत का ज्ञान कैसा है,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
■ जिंदगी खुद ख्वाब
■ जिंदगी खुद ख्वाब
*Author प्रणय प्रभात*
शक्ति स्वरूपा कन्या
शक्ति स्वरूपा कन्या
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
🌹🙏प्रेमी प्रेमिकाओं के लिए समर्पित🙏 🌹
🌹🙏प्रेमी प्रेमिकाओं के लिए समर्पित🙏 🌹
कृष्णकांत गुर्जर
न जाने कौन रह गया भीगने से शहर में,
न जाने कौन रह गया भीगने से शहर में,
शेखर सिंह
मुझे धरा पर न आने देना
मुझे धरा पर न आने देना
Gouri tiwari
रमेशराज के चर्चित राष्ट्रीय बालगीत
रमेशराज के चर्चित राष्ट्रीय बालगीत
कवि रमेशराज
दर जो आली-मकाम होता है
दर जो आली-मकाम होता है
Anis Shah
i always ask myself to be worthy of things, of the things th
i always ask myself to be worthy of things, of the things th
पूर्वार्थ
कड़वा सच
कड़वा सच
Sanjeev Kumar mishra
Loading...