स्वप्न जो देखा है मैंने ____ मुक्तक
स्वप्न जो देखा है मैंने ,उसे मां पूरा कर देना।
छूटे न नेक राह मेरी, हृदय में भाव भर देना।।
मुझे विश्वास है तुम पर, लाज तुम मेरी रख लोगी।
यही बस चाह है मेरी, इसे मां पूरी कर देना।।
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क्रोध को जीत जाऊं मैं, लोभ को छोड़ पाऊं मैं।
सभी में देखूं अपनापन, रहूं चाहे जहां भी मैं।।
ऐसे ही भाव से जीता हूं, बालपन से जो सीखा हूं।
आगे भी छूट न पाए, चाहूं यही चाहूं सदा मै।।
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राजेश व्यास अनुनय