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21 Dec 2018 · 1 min read

स्वच्छ भारत

स्वच्छ भारत , स्वच्छ भारत
देखो आया स्वच्छ भारत ।

सलवार कमीज पर जूता पहना
लिया दुपट्टा जालीदार ।
झूम झूम कर चलता आगे
पीछे है उसका परिवार ।।

किस नगर तक जायेगा ?
यह बात अभी गोपनीय है ।
कहाँ से लाया ऐसा लिबास ?
यह भी बात शोचनीय है ।।

अपने कद से लम्बा झाड़ू
लिया है अपने हाँथ में ।
कितना उमंग ! कितना तेज !
दिखता इसके बात में ।।

उछल उछल कर चलता
कहता नहीं रुकने वाला हूँ ।
खोलो अपने घर का द्वार
झाड़ू पोछा करने आया हूँ।।

कोई तो समझाये उसको
स्मार्ट सिटी से बाहर निकले,
देखे गाँव की गालियां ।
कूड़ा कचरा चुनती जँहा
मासूमों की मासूम अंगुलियाँ ।।

आग लगी छुधा में ,
तुम साबुन-पानी देते हो।
बदन साफ कर क्या होगा ?
जब जीने ही नहीं देते हो ।।

सड़क साफ कर क्या होगा !
चितसड़क ही जब गंदा है
उसको चश्मे से क्या फायदा
जन्म से ही जो अंधा है !

सुनो ध्यान से स्वच्छ भारत ,
जिसके लहू से बनी तेरी इमारत ।
उसको रोटी देकर जाना
प्रेम का बीज बो कर जाना

अमर हो जाओ, स्वच्छ भारत ।
अमर रहो तुम स्वच्छ भारत ।।

Language: Hindi
559 Views
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