Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Oct 2018 · 1 min read

*स्वच्छ भारत पर्यावरण सरंक्षण अभियान चलायें

स्वच्छ भारत पर्यावरण संरक्षण अभियान चलायें

आओ मिलजुलकर पर्यावरण बचायें.
जीवन की निर्मल पावन धरा पर,
शुद्ध प्राकृतिक हवाओं में,
आओ मिलकर पर्यावरण बचायें।

हम सभी मिल जुल कर पेड़ लगायें,
बिजली-पानी ऊर्जा संरक्षित बनायें।
जन-जन की का यही नारा लगाते हुए,
पर्यावरण संरक्षण अभियान चलायें।

पेड़-पौधे जहाँ लगे हुए हरियाए,
शुद्ध हवा उन्मुक्त गगन में लहराये।
माँ की ममता सी जैसी छाँव में,
हम सभी को मंगलमय मधुर बनाये।

रँग-बिरंगी हरी-भरी धरती पर,
शुद्ध हवाओं की मदमस्त हवायें।
घर आँगन को स्वच्छ निर्मल बनायें।आओ मिलजुलकर पेड़-पौधे लगायें।

तेरा-मेरा द्वेष मिटाकर एक-दूसरे से,
मिलजुलकर मतभेद मिटाये।
घर आँगन में बगिया बनाकर हम,
पर्यावरण संरक्षण अभियान चलायें ।

लगे हुए थे दुनिया में अनजानों के मेले,
सँग चलेंगे अब हम सब, नहीं रहेंगे अकेले,
कुछ पौधे-पेड़ लगाकर धरतीे माँ पर,
शुद्ध पवन उन्मुक्त गगन में फैलायें।

पर्यावरण व् जलवायु परिवर्तन में,
जीवन डगर की नई दिशा में आगे बढ़ कर साथ निभायें।
पर्यावरण व जलवायु संरक्षण में एक नया कदम उठायें।
आओ मिल जुलकर पेड़ पौधे लगायें।
????????????

??? जय हिंद, जय भारत ???
श्रीमती शशिकला व्यास
भोपाल ???

Language: Hindi
Tag: गीत
197 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कठिनाईयां देखते ही डर जाना और इससे उबरने के लिए कोई प्रयत्न
कठिनाईयां देखते ही डर जाना और इससे उबरने के लिए कोई प्रयत्न
Paras Nath Jha
जुबां पर मत अंगार रख बरसाने के लिए
जुबां पर मत अंगार रख बरसाने के लिए
Anil Mishra Prahari
महोब्बत का खेल
महोब्बत का खेल
Anil chobisa
गीत
गीत
Mahendra Narayan
*हर मरीज के भीतर समझो, बसे हुए भगवान हैं (गीत)*
*हर मरीज के भीतर समझो, बसे हुए भगवान हैं (गीत)*
Ravi Prakash
ग़ज़ल/नज़्म/मुक्तक - बिन मौसम की बारिश में नहाना, अच्छा है क्या
ग़ज़ल/नज़्म/मुक्तक - बिन मौसम की बारिश में नहाना, अच्छा है क्या
अनिल कुमार
आज़ादी की क़ीमत
आज़ादी की क़ीमत
Shekhar Chandra Mitra
नेम प्रेम का कर ले बंधु
नेम प्रेम का कर ले बंधु
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
गरिमामय प्रतिफल
गरिमामय प्रतिफल
Shyam Sundar Subramanian
तेरी तसवीर को आज शाम,
तेरी तसवीर को आज शाम,
Nitin
■ एक और परिभाषा
■ एक और परिभाषा
*Author प्रणय प्रभात*
जीवन गति
जीवन गति
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
चाय - दोस्ती
चाय - दोस्ती
Kanchan Khanna
9-अधम वह आदमी की शक्ल में शैतान होता है
9-अधम वह आदमी की शक्ल में शैतान होता है
Ajay Kumar Vimal
अगर मरने के बाद भी जीना चाहो,
अगर मरने के बाद भी जीना चाहो,
Ranjeet kumar patre
कोंपलें फिर फूटेंगी
कोंपलें फिर फूटेंगी
Saraswati Bajpai
जीवन दर्शन
जीवन दर्शन
Prakash Chandra
पत्थर का सफ़ीना भी, तैरता रहेगा अगर,
पत्थर का सफ़ीना भी, तैरता रहेगा अगर,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
" तुम्हारी जुदाई में "
Aarti sirsat
3131.*पूर्णिका*
3131.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
- मेरी मोहब्बत तुम्हारा इंतिहान हो गई -
- मेरी मोहब्बत तुम्हारा इंतिहान हो गई -
bharat gehlot
💐प्रेम कौतुक-546💐
💐प्रेम कौतुक-546💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
संतोष करना ही आत्मा
संतोष करना ही आत्मा
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
यह हक़ीक़त है
यह हक़ीक़त है
Dr fauzia Naseem shad
जब वक़्त के साथ चलना सीखो,
जब वक़्त के साथ चलना सीखो,
Nanki Patre
महायुद्ध में यूँ पड़ी,
महायुद्ध में यूँ पड़ी,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
"बुराई की जड़"
Dr. Kishan tandon kranti
दानी
दानी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
दर्शन की ललक
दर्शन की ललक
Neelam Sharma
धर्म, ईश्वर और पैगम्बर
धर्म, ईश्वर और पैगम्बर
Dr MusafiR BaithA
Loading...