Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jun 2016 · 1 min read

स्लेट-बत्ती सी जिन्दगी

होती जिन्दगी स्लेट-बत्ती सी तो जीना कितना आसान होता।
गलती होते ही मिटा देते
सही करके दिखा देते
धुंधली होती स्लेट तो नल के नीचे धो लेते
चलती ना कोई बत्ती तो पानी में भिगो लेते
होता सब साफ सुथरा काट छाट का ना निशान होता
होती जिन्दगी स्लेट-बत्ती सी तो जीना कितना आसान होता।

Language: Hindi
2 Comments · 708 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
-- आधे की हकदार पत्नी --
-- आधे की हकदार पत्नी --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
रमेशराज की कविता विषयक मुक्तछंद कविताएँ
रमेशराज की कविता विषयक मुक्तछंद कविताएँ
कवि रमेशराज
सहधर्मिणी
सहधर्मिणी
Bodhisatva kastooriya
झरोखा
झरोखा
Sandeep Pande
"वट वृक्ष है पिता"
Ekta chitrangini
शायद ...
शायद ...
हिमांशु Kulshrestha
*लम्हा  प्यारा सा पल में  गुजर जाएगा*
*लम्हा प्यारा सा पल में गुजर जाएगा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
स्मृतियाँ  है प्रकाशित हमारे निलय में,
स्मृतियाँ है प्रकाशित हमारे निलय में,
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
मजदूर की अन्तर्व्यथा
मजदूर की अन्तर्व्यथा
Shyam Sundar Subramanian
खूबसूरत बुढ़ापा
खूबसूरत बुढ़ापा
Surinder blackpen
"फ़र्श से अर्श तक"
*Author प्रणय प्रभात*
अकेले आए हैं ,
अकेले आए हैं ,
Shutisha Rajput
मेरा दुश्मन मेरा मन
मेरा दुश्मन मेरा मन
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
तुम पर क्या लिखूँ ...
तुम पर क्या लिखूँ ...
Harminder Kaur
2324.पूर्णिका
2324.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
आप अपना
आप अपना
Dr fauzia Naseem shad
अदम गोंडवी
अदम गोंडवी
Shekhar Chandra Mitra
एक शख्स
एक शख्स
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
"कवि"
Dr. Kishan tandon kranti
मेरे प्यारे भैया
मेरे प्यारे भैया
Samar babu
*सरस्वती जी दीजिए, छंद और रस-ज्ञान (आठ दोहे)*
*सरस्वती जी दीजिए, छंद और रस-ज्ञान (आठ दोहे)*
Ravi Prakash
हिंदी दिवस पर हर बोली भाषा को मेरा नमस्कार
हिंदी दिवस पर हर बोली भाषा को मेरा नमस्कार
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
* प्यार की बातें *
* प्यार की बातें *
surenderpal vaidya
जलने वालों का कुछ हो नहीं सकता,
जलने वालों का कुछ हो नहीं सकता,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
*😊 झूठी मुस्कान 😊*
*😊 झूठी मुस्कान 😊*
प्रजापति कमलेश बाबू
सरकार हैं हम
सरकार हैं हम
pravin sharma
पंछियों का कलरव सुनाई ना देगा
पंछियों का कलरव सुनाई ना देगा
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
ज़िंदगी का खेल है, सोचना समझना
ज़िंदगी का खेल है, सोचना समझना
पूर्वार्थ
किताब
किताब
Lalit Singh thakur
माना के तुम ने पा लिया
माना के तुम ने पा लिया
shabina. Naaz
Loading...