स्नेह गीत – लगन लगी तेरी लगन लगी !
लगन लगी तेरी लगन लगी ,लगन लगी तेरी लगन लगी।
ऐसी तेरी लगन लगी,
जैसे तैसे दिन था यह बीता।
सारी रतिया में तो जगी, लगन——————— ।
(१) पहली बार में नजर मिली ,प्यार तुझसे हो गया ।
पता चला ना खबर लगी, होना था बस हो गया।
आजा दोनों मिलकर करेंगे – आजा दोनों मिलकर करेंगे।
दिल से दिल की दिल्लगी, लगन लगी तेरी लगन लगी।।
(२) तू जो मुझको मिला नहीं तो, कैसे मैं जी पाऊंगी ।
तेरे बिन तू ही बता दे, जीवन कैसे बिताऊंगी ।
दे दे सहारा बाहों का अपनी – दे दे सहारा बाहों का अपनी,
तुझसे करूंगी ना मैं तो ठगी , लगन लगी तेरी लगन लगी।।
(३) दुश्मन लाख जमाना अपना, सपने पूरे कर जाएं।
प्रीत प्यार कहां हारा जग से, जग को यह बतला जाएं।
रोको ना हमको ए दुनिया वालों – रोको ना हमको ए दुनिया वालो,
जीने दो हमको निज जिंदगी, लगन लगी तेरी लगन लगी,
ऐसी तेरी लगन लगी ।।
“राजेश व्यास अनुनय”