स्त्री
स्त्री धीरता की मूरत हैं
धैर्य की पूर्णता हैं
सृष्टि की सृजना हैं
प्रकर्ति की संचालिका हैं।
संस्कार पूरित गीता हैं
सहज व्यक्तित्त्व मूरत हैं
स्वभाव में गहनता हैं
अपनो का विश्वास हैं।
अन्याय के विरुद्ध हैं
सरल शुद्ध स्वभाव हैं
परिवार की वहन कर्ता हैं
स्नेह ह्र्दय में भरा है।
प्रकति की मंगल मूरत हैं
काव्य की शब्द रूप हैं
दुखो की संहारक हैं
प्यार की प्रतिमूर्ति हैं।
सब पर प्यार लुटाती हैं
अपना मान बढ़ाती हैं
हर क्षेत्र में नाम करती हैं
लेखनी भी चलाती हैं।