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14 Feb 2017 · 1 min read

स्त्री ! सच तुम महान हो..

एक स्त्री ही कर सकती है निर्माण
अपने परिवार का
एक स्त्री ही कर सकती मजधार
से बेडा पार अपने परिवार का

आज जब देखता हूँ गर्भ
में हत्या होते हुए बालिका के भ्रूण की
उठ जाते हैं न जाने कितने
तूफ़ान मेरे दिल के अंदर

क्यों कर के यह लज्जा वाला काम ,ओ इस
को पैदा होने से पहले मारने वालो
किस काम का तुम्हारा यह अभिमान
ओ इस जीव की हत्या करने वालो

वो माँ है, वो बेटी है, वो बहन है,
वो पत्नी है, वो दादी है, पड़दादी है
वो मार्ग दर्शक है , वो तेरा सब कुछ है
वो तेरा कर्म सिधारक है, वो तेरा माली है
नमन कर उसका, अभिनन्दन कर उसका
वो तेरी रक्षा करने वाली है

तुझ पर कर्ज बहुत हैं उसके , हे वनमाली
तू भूल स्वीकार कर अपनी, वो तेरी है वनमाली
तुझे पैदा उस ने किया, दर्द सहन कर करके
दुनिया से छुपा कर रखा ,वो कितनी है सहने वाली !!

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
508 Views
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