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20 Jan 2019 · 1 min read

सौर मंडल हितचिन्तक हमारा

ग्रह-नक्षत्रों संपूरित सौर मंडल हमारा
रहता सक्रिय निरन्तर स्व
संचालित सारा।
ब्रह्मांड में ये नक्षत्र रहते गतिमान
प्रभावित इनसे प्रत्येक इंसान।
ज्योतिष शास्त्र हमारा कहता
हर मानव ग्रहों के फल सहता।
भारतीय संस्कृति की वेद ऋचाएं
कहती हैं ग्रहों की गूढ़ कथाएँ।
सूर्य चन्द्र मंगल बुध शुक्र और शनि
राहूऔर केतु की आपस में कभी न बनी।
कहती हमारी संस्कृति ग्रह नक्षत्रों की माया
मनुष्य पर प्रतिक्षण पड़े इनकी छाया।
हर सुख-दुःख पर है ग्रहों का साया
कोई जीव न इनसे बच पाया।
ग्रहों से पड़े मानव जीवन की नींव
पंचतत्व से होता निर्मित जीव।
ग्रह नक्षत्रों से है जीवन होता नियंत्रित
तभी तो हैं ग्रह मानव के द्वारा पूजित।
मानते न इसको आधुनिकता के पक्षधर
उनकी दृष्टि में यह है महज एक आडम्बर।
सबकी अपनी दृष्टि अपना-अपना विचार
किन्तु सौरमंडल का मानव से नाता नहीं निराधार।

रंजना माथुर
अजमेर (राजस्थान )
मेरी स्व रचित व मौलिक रचना
©

Language: Hindi
218 Views
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