Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Jul 2021 · 1 min read

सौत

अस्पताल में माँ के बैड के बगल में वृद्ध रोगिणी की महिला तीमारदार की लगन और तत्परता देखकर मेरी माँ ने उससे पूँछा ‘ये तुम्हारी कौन हैं क्या सास हैं? ‘ इसके उत्तर में उस महिला ने कहा,’ यह निपूती मेरी सौत है। जब इसका कोई नहीं है तो इसकी देखभाल तो मुझे ही करनी पड़ेगी ना। मैं इसकी कोई सेवा नहीं कर रही हूँ। जो मैंने जिंदगी भर इसके साथ किया है वही अब भी कर रही हूँ -बटवारा। मैंने घर में आते ही धन, सम्पत्ति, रिश्ते- नाते यहां तक कि इसके सुहाग का भी बटवारा कर लिया। मैं चाहती हूँ जैसे मैंने इसके सुखों को बाँट लिया अब उसी तरह दुखों को भी बाँट लूँ। अब आप मेरे इस कार्य को सेवा कहती हैं तो दूसरी बात है।’ मेरी माँ ने हाथ जोड़ कर उसकी भावना को साधुवाद दिया और बुदबुदाई सौत हो तो ऐसी।

जयन्ती प्रसाद शर्मा, दादू ।

2 Likes · 2 Comments · 602 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
वोट डालने जाएंगे
वोट डालने जाएंगे
Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे
ना अश्रु कोई गिर पाता है
ना अश्रु कोई गिर पाता है
Shweta Soni
राख का ढेर।
राख का ढेर।
Taj Mohammad
नव-निवेदन
नव-निवेदन
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
मौसम जब भी बहुत सर्द होता है
मौसम जब भी बहुत सर्द होता है
Ajay Mishra
*पुरस्कार का पात्र वही, जिसका संघर्ष नवल हो (मुक्तक)*
*पुरस्कार का पात्र वही, जिसका संघर्ष नवल हो (मुक्तक)*
Ravi Prakash
इन दिनों
इन दिनों
Dr. Kishan tandon kranti
बहुत संभाल कर रखी चीजें
बहुत संभाल कर रखी चीजें
Dheerja Sharma
गौरवपूर्ण पापबोध
गौरवपूर्ण पापबोध
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
ये जो दुनियादारी समझाते फिरते हैं,
ये जो दुनियादारी समझाते फिरते हैं,
ओसमणी साहू 'ओश'
"व्‍यालं बालमृणालतन्‍तुभिरसौ रोद्धुं समज्‍जृम्‍भते ।
Mukul Koushik
दो अक्षर में कैसे बतला दूँ
दो अक्षर में कैसे बतला दूँ
Harminder Kaur
हो गया तुझसे, मुझे प्यार खुदा जाने क्यों।
हो गया तुझसे, मुझे प्यार खुदा जाने क्यों।
सत्य कुमार प्रेमी
बड़ी बात है ....!!
बड़ी बात है ....!!
हरवंश हृदय
अंधविश्वास का पुल / DR. MUSAFIR BAITHA
अंधविश्वास का पुल / DR. MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
*** सिमटती जिंदगी और बिखरता पल...! ***
*** सिमटती जिंदगी और बिखरता पल...! ***
VEDANTA PATEL
सोच
सोच
Srishty Bansal
* राह चुनने का समय *
* राह चुनने का समय *
surenderpal vaidya
राख देख  शमशान  में, मनवा  करे सवाल।
राख देख शमशान में, मनवा करे सवाल।
दुष्यन्त 'बाबा'
हम ख़्वाब की तरह
हम ख़्वाब की तरह
Dr fauzia Naseem shad
नारी
नारी
Acharya Rama Nand Mandal
ग़ज़ल/नज़्म - ये हर दिन और हर रात हमारी होगी
ग़ज़ल/नज़्म - ये हर दिन और हर रात हमारी होगी
अनिल कुमार
💐प्रेम कौतुक-465💐
💐प्रेम कौतुक-465💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
‘ विरोधरस ‘---2. [ काव्य की नूतन विधा तेवरी में विरोधरस ] +रमेशराज
‘ विरोधरस ‘---2. [ काव्य की नूतन विधा तेवरी में विरोधरस ] +रमेशराज
कवि रमेशराज
हवाओं ने पतझड़ में, साजिशों का सहारा लिया,
हवाओं ने पतझड़ में, साजिशों का सहारा लिया,
Manisha Manjari
बाबा भीमराव अम्बेडकर परिनिर्वाण दिवस
बाबा भीमराव अम्बेडकर परिनिर्वाण दिवस
Buddha Prakash
उधार  ...
उधार ...
sushil sarna
इसे कहते हैं
इसे कहते हैं
*Author प्रणय प्रभात*
दिल पर साजे बस हिन्दी भाषा
दिल पर साजे बस हिन्दी भाषा
Sandeep Pande
अब खयाल कहाँ के खयाल किसका है
अब खयाल कहाँ के खयाल किसका है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
Loading...