सोलहवां साल
तहरा आंचर के
छूके जब
हवा चलेला
कसम से
हमार जीव जरेला!
छत पर
तहरा रूप के
रस जब
चांद पिएला
कसम से
हमार जीव जरेला!
तहरा बदन पर
जब रिमझिम
बादल बरसेला
कसम से
हमार जीव जरेला!
तहसे सीखल
गीत जब
पपीहा गावेला
कसम से
हमार जीव जरेला!
तहरा आगे-
पीछे जब
भंवरा डोलेला
कसम से
हमार जीव जरेला!
तहके पावे के
सपना जब
गुलाब देखेला
कसम से
हमार जीव जरेला!
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#BolywoodGenius
(A Dream of Love)