Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Nov 2019 · 4 min read

सोनी सोरी

सोनी सोरी इस नाम से जो भी लोग परिचित हों वो, इसे अवश्य पढ़ें…
वो लोग भी पढ़ें जिन्हें पुलिस हर हाल में शराफ़त के पुतले ही दिखते हैं। उनके हिसाब से पुलिस की कहीं कोई गलती होती ही नहीं।
और मैं आज कल पुलिस की शराफ़त को ही पढ़ रही हूँ।
सोनी सोरी छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में स्थित जबेली गाँव की एक आदिवासी विद्यालय शिक्षिका हैं और साथ ही सामाजिकी कार्यकर्ता भी।
सोनी सोरी ने 27 जुलाई 2012 को जेल से सुप्रीम कोर्ट के नाम भेजे गये पत्र में कहा है कि…
‘ आज जीवित हूं तो आपके आदेश की वजह से ! आपने सही समय पर आदेश देकर मेरा दोबारा इलाज कराया !… एम्स अस्पताल दिल्ली में इलाज के दौरान बहुत ही खुश थी कि मेरा इलाज इतने अच्छे से हो रहा है ! पर जज साहब, आज उसकी कीमत चुकानी पड़ रही है ! मुझ पर शर्मनाक अत्याचार प्रतारणा की जा रही है ! आपसे निवेदन है , मुझ पर दया कीजियेगा ! .. जज साहब इस वख्त मानसिक रूप से अत्यधिक पीड़ित हूं ! (१) मुझे नंगा कर के ज़मीन पर बिठाया जाता है ! (२) भूख से पीड़ित किया जा रहा है (३) मेरे अंगों को छूकर तलाशी किया जाता है …..! जज साहब छतीसगढ़ सरकार , पुलिस प्रशासन मेरे कपडे कब तक उतरवाते रहेंगे ? मैं भी एक भारतीय आदिवासी महिला हूं ! मुझे में भी शर्म है, मुझे शर्म लगती है ! मैं अपनी लज्जा को बचा नहीं पा रही हूं ! शर्मनाक शब्द कह कर मेरी लज्जा पर आरोप लगाते हैं ! जज साहब मुझ पर अत्याचार, ज़ुल्म में आज भी कमी नहीं है !आखिर मैंने ऐसा क्या गुनाह किया जो ज़ुल्म पर ज़ुल्म कर रहे हैं !.. जज साहब मैंने आप तक अपनी सच्चाई को बयान किया तो क्या गलत किया आज जो इतनी बड़ी बड़ी मानसिक रूप से प्रतारणा दिया जा रहा है ? क्या अपने ऊपर हुए ज़ुल्म अत्याचार के खिलाफ लड़ना अपराध है ? क्या मुझे जीने का हक़ नहीं है ? क्या जिन बच्चों को मैंने जन्म दिया उन्हें प्यार देने का अधिकार नहीं है ?….
इस तरह के ज़ुल्म अत्याचार नक्सली समस्या उत्पन्न होने का स्रोत हैं …..
क्या इस में कोई दो राय है ? हरगिज नहीं । ये कहां और कानून के किस किताब में लिखा हैं कि किसी महिला बंदी जो साथ ही समाजिक कार्यकर्ता भी हो, उसे चाहे जिस भी किसी जुर्म में गिरफ़्तार किया गया हो, गिरफ़्तारी के बाद उसे करंट के झटके दिए जाए, उसे नंगा किया जाय, उसके साथ बलात यौन संबंध बनाये जाएं उसके योनि में पथ्थर ठूस दिया जाय।
मेरा ख्याल है इस तरह की अमानुषिकता की अनुमति कहीं नहीं है।
लेकिन ये होता है, और हमारे मुहों में ठूंस दिया जाता है देशभक्ति और पुलिसिया कार्यवाही की आड़ में अपनी घिनौनी मानसिकता को देश सेवा का नाम कह के।
तब ऐसे में मुझे ‘अशोक वाजपेयी’ की बात सच जान पड़ती है ‘हुआ ये है की हम सब पालतू हो गए हैं’ और ये सच है।
वर्णा पुलिस चाह ले की उसे किसी भी सरकार का पालतू नहीं होना तो सरकारें उस से अपनी ग़ैरवाजिब मांगे नहीं मनवा सकती।
और ‘सोनी’ से पुलिस चाह क्या रही थी ?
एक IAS अधिकारी सरकार के हाँथ का कठपुतली हो जाता है खुद को बेच देता है। और थाने को बना देता है बूचड़ खाना जहां एक औरत का आन और मान दोनों को जबह करता है।
सोनी को थाने में पीटते समय और बिजली के झटके देते समय एसपी ‘अंकित गर्ग’ सोनी से यही तो जिद कर रहा था कि सोनी एक झूठा कबूलनामा लिख कर दे दे जिसमे वो यह लिखे कि अरुंधती राय , स्वामी अग्निवेश , कविता श्रीवास्तव, नंदिनी सुंदर , हिमांशु कुमार, मनीष कुंजाम और उसका वकील सब नक्सली हैं।
ताकि इन सभी सामाजिक कार्यकर्ताओं को एक झटके में जेल में डाला जा सके। सरकार के लिए ये समाजिक कार्यकर्ता परेशानी का सबब बन चुके थे। ये लोग छत्तीसगढ़ में आदिवासियों की ज़मीनों पर कंपनियों का कब्ज़ा नहीं होने दे रहे थे।
‘सोनी’ वो शिक्षिका है जो नक्सलियों से इस बात पे भीड़ जाती है कि स्कूल में काले झंडे क्यूँ लगाए ? उसे उतार फेंका और तिरंगा झंडा फहराया। उसी को इस राष्ट्र के राष्ट्र रक्षकों ने राक्षस बन कर चबाया।
अभी कुछ दिनों पहले ‘सोनी सोरी’ का एक इंटरव्यू देख रही थी उसमें उन्होंने ये कहा। सुन कर लगा शरीर का खून जम गया हो अंदर तक कुछ चीर गया हो। इतनी निर्दयता उन लोगों के द्वारा जिन्हें हमारा रक्षक होना था। हमारे साथ होने वाले अत्याचार पे उन्हें उठ खड़ा होना था। मगर …
“जैसे मुझे नंगा करके बिजली का शॉक दिया गया, बलात्कार किया गया, मेरे अंदर पत्थर डाले गए…मैं कितना रोई। मैंने तीन बच्चों को अपनी योनि से ही बाहर निकाला, लेकिन जब कोलकाता में मेरी योनि से पत्थर निकाले जा रहे थे तो मुझे जो दर्द हुआ वह बच्चा पैदा करने के दर्द से कई गुना ज्यादा था। मेरा क्या गुनाह था, सिवाए इसके कि मैं एक पढ़ी-लिखी आदिवासी महिला थी। मेरी जैसी अनगिनत आदिवासी औरतें इस यातना को आज भी झेल रही हैं। मैं यह सब दिखाना चाहती हूं, लिखना चाहती हूं, ताकि देश के लोग सोचें कि क्या हो रहा है। ” … जय हो
…सिद्धार्थ

Language: Hindi
Tag: लेख
2 Likes · 408 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कोरा रंग
कोरा रंग
Manisha Manjari
आपका समाज जितना ज्यादा होगा!
आपका समाज जितना ज्यादा होगा!
Suraj kushwaha
Choose a man or women with a good heart no matter what his f
Choose a man or women with a good heart no matter what his f
पूर्वार्थ
💃युवती💃
💃युवती💃
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
पिता, इन्टरनेट युग में
पिता, इन्टरनेट युग में
Shaily
खेत -खलिहान
खेत -खलिहान
नाथ सोनांचली
मोदी जी ; देश के प्रति समर्पित
मोदी जी ; देश के प्रति समर्पित
कवि अनिल कुमार पँचोली
युवा दिवस
युवा दिवस
Tushar Jagawat
"यदि"
Dr. Kishan tandon kranti
चलो कहीं दूर जाएँ हम, यहाँ हमें जी नहीं लगता !
चलो कहीं दूर जाएँ हम, यहाँ हमें जी नहीं लगता !
DrLakshman Jha Parimal
जय माता दी 🙏
जय माता दी 🙏
Anil Mishra Prahari
*होइही सोइ जो राम रची राखा*
*होइही सोइ जो राम रची राखा*
Shashi kala vyas
नदी की तीव्र धारा है चले आओ चले आओ।
नदी की तीव्र धारा है चले आओ चले आओ।
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
Ghazal
Ghazal
shahab uddin shah kannauji
निर्लोभी राम(कुंडलिया)
निर्लोभी राम(कुंडलिया)
Ravi Prakash
एक दूसरे से कुछ न लिया जाए तो कैसा
एक दूसरे से कुछ न लिया जाए तो कैसा
Shweta Soni
पत्नी (दोहावली)
पत्नी (दोहावली)
Subhash Singhai
रामकली की दिवाली
रामकली की दिवाली
Dr. Pradeep Kumar Sharma
घर बन रहा है
घर बन रहा है
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
इन आँखों को हो गई,
इन आँखों को हो गई,
sushil sarna
ऐ मेरे हुस्न के सरकार जुदा मत होना
ऐ मेरे हुस्न के सरकार जुदा मत होना
प्रीतम श्रावस्तवी
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
अब किसका है तुमको इंतजार
अब किसका है तुमको इंतजार
gurudeenverma198
"मां की ममता"
Pushpraj Anant
दूर अब न रहो पास आया करो,
दूर अब न रहो पास आया करो,
Vindhya Prakash Mishra
इश्क़ में
इश्क़ में
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
""मेरे गुरु की ही कृपा है कि_
Rajesh vyas
(17) यह शब्दों का अनन्त, असीम महासागर !
(17) यह शब्दों का अनन्त, असीम महासागर !
Kishore Nigam
बिंदी
बिंदी
Satish Srijan
जिंदगी क्या है?
जिंदगी क्या है?
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
Loading...