सोच ऐसी क्यों? _____ कविता
परिश्रम से लोग क्यों ?कतराते है।
नेतृत्व का दिया काम _ ठुकराते है।।
सोच ऐसी क्यों? होती जा रही है ,
वर्तमान में लोगों की।
सोचते रहते हैं हम ,पर समझ नहीं पाते हैं।।
वक्त का काम वक्त पर, पूरा नहीं हो पाता ।
कहो खेत की, खलिहान पहुंच जाते हैं।।
नेतृत्व रहे जब जब___ साथ में उनके।
उनकी हर बात पर ___गौर फरमाते हैं।।
निर्णय लेकर ,जो लक्ष्य दिया हाथ में।
हाथ वहीं अनिर्णय की, स्थिति में पहुंच जाते हैं।।
हम तो चाहते हैं, हर काम को समय पर पूरे।
“सोच” व “क्षमता “दोनों हैं ,पर अकेले रह जाते हैं।।