Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Oct 2016 · 1 min read

‘सैनिक मत बलिदान करें!’…: मुक्तक

महारथी हैं सत्ता के जो जागें, सुधरें, ध्यान धरें.
सबसे ऊपर देश हमारा, इसका ही गुणगान करें,
आतंकी यदि कैम्प चल रहे, नष्ट करें इनको जाकर,
राजनीति की बलिवेदी पर सैनिक मत बलिदान करें!

–इंजी० अम्बरीष श्रीवास्तव ‘अम्बर’

Language: Hindi
228 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
** राह में **
** राह में **
surenderpal vaidya
जीवन की सुरुआत और जीवन का अंत
जीवन की सुरुआत और जीवन का अंत
Rituraj shivem verma
युग बीते और आज भी ,
युग बीते और आज भी ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
स्वर्णिम दौर
स्वर्णिम दौर
Dr. Kishan tandon kranti
जिंदगी जिंदादिली का नाम है
जिंदगी जिंदादिली का नाम है
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
2937.*पूर्णिका*
2937.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दिवस नहीं मनाये जाते हैं...!!!
दिवस नहीं मनाये जाते हैं...!!!
Kanchan Khanna
मेरे नन्हें-नन्हें पग है,
मेरे नन्हें-नन्हें पग है,
Buddha Prakash
हाइकु: गौ बचाओं.!
हाइकु: गौ बचाओं.!
Prabhudayal Raniwal
6) “जय श्री राम”
6) “जय श्री राम”
Sapna Arora
💐अज्ञात के प्रति-126💐
💐अज्ञात के प्रति-126💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
फाइल की व्यथा
फाइल की व्यथा
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
शिव शंभू भोला भंडारी !
शिव शंभू भोला भंडारी !
Bodhisatva kastooriya
उफ्फ्फ
उफ्फ्फ
Atul "Krishn"
प्रकृति
प्रकृति
लक्ष्मी सिंह
शैक्षिक विकास
शैक्षिक विकास
Dr. Pradeep Kumar Sharma
चुनौतियाँ बहुत आयी है,
चुनौतियाँ बहुत आयी है,
Dr. Man Mohan Krishna
बीन अधीन फणीश।
बीन अधीन फणीश।
Neelam Sharma
बात तब कि है जब हम छोटे हुआ करते थे, मेरी माँ और दादी ने आस
बात तब कि है जब हम छोटे हुआ करते थे, मेरी माँ और दादी ने आस
ruby kumari
अधूरी दास्तान
अधूरी दास्तान
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
One day you will realized that happiness was never about fin
One day you will realized that happiness was never about fin
पूर्वार्थ
" कविता और प्रियतमा
DrLakshman Jha Parimal
जिंदगी में इतना खुश रहो कि,
जिंदगी में इतना खुश रहो कि,
Ranjeet kumar patre
#लघुकथा
#लघुकथा
*Author प्रणय प्रभात*
विषधर
विषधर
आनन्द मिश्र
जवानी में तो तुमने भी गजब ढाया होगा
जवानी में तो तुमने भी गजब ढाया होगा
Ram Krishan Rastogi
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-151से चुने हुए श्रेष्ठ दोहे (लुगया)
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-151से चुने हुए श्रेष्ठ दोहे (लुगया)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मैंने इन आंखों से ज़माने को संभालते देखा है
मैंने इन आंखों से ज़माने को संभालते देखा है
Phool gufran
प्रेम की पेंगें बढ़ाती लड़की / मुसाफ़िर बैठा
प्रेम की पेंगें बढ़ाती लड़की / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
स्वाभिमान
स्वाभिमान
Shyam Sundar Subramanian
Loading...