सेल्फ़ी से सूरते बेहाल
वक़्त ना गुज़ारों अपने हाथों से
अपना फ़ोटो बार-बार खींचकर ।
मोबाइल के ऊपर बैठो और घुस जाओ
मोबाइल का स्क्रीन तोड़कर ।।
ये भांति भांति के सूरते हाल
क्यों बनाया करते हो ..?
अपना फ़ोटो खींचते हो या
अपने अंदर के जानवर को जगाया करते हो ।।
पलकें ऊपर,जीभ बाहर गर्दन टेडी
और दो सख्क्त उंगलियों के इशारे ।
या मौला, क्यो वक्त बर्बाद किया इनपर
छोड़ देता इनको ऐसे ही टेडे-मेडे ।।
खुदा ने बख्शा है चेहरा खूबसूरत देखने को
और दिए हैं गुलाबी लब चूमने को ।
गालों को पकड़ों और मजा लो खुदा की देन का,
ना डराओ एक दूसरे को चेहरा बनाकर भूत का।।
मोबाइल स्क्रीन पर बार-बार चूमते हो
तुम फ़ोटो अपने यार का ।
और मिलते जब झाड़ियों भरे पार्क में,
खींचते हो फ़ोटो मुँह बनाकर प्यासी मरी भेड़ सा ।।
व्हाट्स एप का डीपी और स्टेटस
या फेसबुक की हो प्रोफाइल ।
सब आकंड़े देते है फ़ोटो में जन्नत की हूर के,
देखते ही भागते है जैसे पाला पड़ा हो नरक के दूत से ।।
वक़्त की कद्र करना तुम भूल गए,
प्यार के लिए वक्त देना तुम भूल गए ।
तुमसे क्या उम्मीद करें मेरे युवाओं
सेल्फ़ी के चक्कर में तुम प्यार की छेडख़ानी भूल गए..!!
ना देखते हो नज़रों की गहराई,
ना सुनते हो टूटते बदन की अंगड़ाई ।
हाथ में लेकर टच स्क्रीन मोबाइल,
बढ़ाते रहते हो बस लियोन-कुंद्रा की कमाई..!!!