Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Apr 2017 · 2 min read

सेना का गौरव…..

?घाटी की विषम परिस्थिति तथा सैनिकों के अपमान का विरोध करती रचना।?

????????????????????

भारत देश महान हमारा हर कोई यहाँ स्वतन्त्र हुआ।
लूला-लंगड़ा अंधा-बहरा ये सरकारी तन्त्र हुआ।

छला गया सेना का गौरव सरेआम जब घाटी में।
शस्त्र हाथ में फिर भी सैनिक मूक-बधिर परतन्त्र हुआ।

जिन हराम के पिल्लों को सेना ने वहां बचाया है।
आज उन्हीं कश्मीरी कुत्तों ने कोहराम मचाया है।

राजद्रोह भी देशद्रोह भी धारा ही उल्टी मोड़ी।
भारत माँ पर वार किया है बेशर्मी की हद तोड़ी।

कैसे सहन करेगा भारत इन काली करतूतों को।
सबक सिखाना हुआ जरूरी पाक परस्ती जूतों को

सेना है अभिमान हमारा ये सेना पर वार करें।
गो इंडिया के लगा के नारे सैनिक पर प्रहार करें।

भारत में कश्मीर मगर लगता है देश विराना क्यों?
इन दल्लों को भारत से मिलता है खाना-दाना क्यों?

घाव हुआ नासूर करो कुछ वरना फिर पछताओगे!!
धीरज टूट गया सेना का कैसे देश बचाओगे?

आस्तीन के साँपों को मर्यादा में लाना ही होगा!!
हिन्द भूमि का वंदन करना इन्हें सिखाना ही होगा!!

इन्हें पकड़कर स्वतन्त्रता की परिभाषा बतलाओ अब!
सेना का सम्मान पुष्ट हो ऐसी रीत चलाओ अब !

कहते हो कश्मीर हमारा पर अधिकार नहीं देते!!
देशद्रोही की छाती बींधे वो हथियार नहीं देते!!

सत्ताधारी करें कभी तो अनुभव उनके दर्दों का।
तुष्टिकरण की नीति त्यागें मोह छोड़ें हमदर्दों का।

एक बार घाटी सेना के हाथ सौंपकर के देखो!!
कितने कुत्ते बेनक़ाब हों गिनती तो करके देखो!!

तेज स्वरों में जय हिन्द गूंजे फिजां तिरंगी कर दें।
पागल कुत्तों की छाती में जी भर लोहा भर दें।

इतने छेद करेंगे कि अनुमान नहीं होगा!!!
घाटी में पैदा फिर कोई शैतान नहीं होगा!!

देशद्रोहियों का घाटी में नाम निशान नहीं होगा!!
कश्मीर तो होगा लेकिन पाकिस्तान नहीं होगा!!

??तेज ~15/4/17~ ✍??

Language: Hindi
267 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तुम्हारी है जुस्तजू
तुम्हारी है जुस्तजू
Surinder blackpen
सापटी
सापटी
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
ज़िंदगी की ज़रूरत के
ज़िंदगी की ज़रूरत के
Dr fauzia Naseem shad
बेटी-पिता का रिश्ता
बेटी-पिता का रिश्ता
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
सफलता तीन चीजे मांगती है :
सफलता तीन चीजे मांगती है :
GOVIND UIKEY
नव वर्ष
नव वर्ष
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
शिवाजी गुरु समर्थ रामदास – ईश्वर का संकेत और नारायण का गृहत्याग – 03
शिवाजी गुरु समर्थ रामदास – ईश्वर का संकेत और नारायण का गृहत्याग – 03
Sadhavi Sonarkar
21)”होली पर्व”
21)”होली पर्व”
Sapna Arora
"किरायेदार"
Dr. Kishan tandon kranti
🤔कौन हो तुम.....🤔
🤔कौन हो तुम.....🤔
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
“ बधाई आ शुभकामना “
“ बधाई आ शुभकामना “
DrLakshman Jha Parimal
हो भविष्य में जो होना हो, डर की डर से क्यूं ही डरूं मैं।
हो भविष्य में जो होना हो, डर की डर से क्यूं ही डरूं मैं।
Sanjay ' शून्य'
प्रतीक्षा
प्रतीक्षा
Dr.Priya Soni Khare
श्राद्ध पक्ष के दोहे
श्राद्ध पक्ष के दोहे
sushil sarna
राजाधिराज महाकाल......
राजाधिराज महाकाल......
Kavita Chouhan
यथार्थवादी कविता के रस-तत्त्व +रमेशराज
यथार्थवादी कविता के रस-तत्त्व +रमेशराज
कवि रमेशराज
सोदा जब गुरू करते है तब बडे विध्वंस होते है
सोदा जब गुरू करते है तब बडे विध्वंस होते है
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
डॉ. जसवंतसिंह जनमेजय का प्रतिक्रिया पत्र लेखन कार्य अभूतपूर्व है
डॉ. जसवंतसिंह जनमेजय का प्रतिक्रिया पत्र लेखन कार्य अभूतपूर्व है
आर एस आघात
मूल्य वृद्धि
मूल्य वृद्धि
Dr. Pradeep Kumar Sharma
💐प्रेम कौतुक-158💐
💐प्रेम कौतुक-158💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
हाई रे मेरी तोंद (हास्य कविता)
हाई रे मेरी तोंद (हास्य कविता)
Dr. Kishan Karigar
■ आज का मुक्तक
■ आज का मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
*कण-कण शंकर बोलेगा (भक्ति-गीतिका)*
*कण-कण शंकर बोलेगा (भक्ति-गीतिका)*
Ravi Prakash
नव वर्ष का आगाज़
नव वर्ष का आगाज़
Vandna Thakur
* राष्ट्रभाषा हिन्दी *
* राष्ट्रभाषा हिन्दी *
surenderpal vaidya
I am Me - Redefined
I am Me - Redefined
Dhriti Mishra
बाग़ी
बाग़ी
Shekhar Chandra Mitra
बचपन,
बचपन, "बूढ़ा " हो गया था,
Nitesh Kumar Srivastava
बैठी रहो कुछ देर और
बैठी रहो कुछ देर और
gurudeenverma198
2602.पूर्णिका
2602.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
Loading...