Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Mar 2018 · 1 min read

सेक्स मंडी

पहले ये कोठो में लगती थी
अब ये कोठियो में लगती है
पहले ये छिप कर लगती थी
अब ये सरे आम लगती है
पहले ये शहर से बाहर लगती थी
अब ये शहर के अंदर लगती है
पहले ये रात में लगती थी
अब ये दिन रात लगती है
पहले ये गिने चुने शहरो में लगती थी
अब ये हर बड़े शहरो में लगती है

पहले इसे रेड लाईट कहते थे
अब इसे ग्रीन लाईट कहते है
पहले इसे बदनाम लोग लगाते थे
अब इसे फेमस लोग लगाते है
पहले इसे औरते चलाती थी
अब इसे औरते मर्द चलाते है
पहले इसे अनपढ़ चलाती थी
अब इसे पढ़ी-लिखी चलाती है
पहले इसके ग्राहक अमीर लोग होते थे
अब इसके दुकानदार अमीर लोग होते है
पहले ये सरक सरक कर चलती थी
अब ये खूब तेज स्पीड से चलती है

पहले भी पुराने जमाने में लगती थी
अब भी नये जमाने में लगती है
पहले भी पुरानी सरकारे ध्यान नहीं देती थी
अब भी नई सरकारे ध्यान नहीं देती है
पहले ये बाबाओ के अड्डो में नहीं लगती थी
अब ये नये बाबाओ के अड्डो में लगती है

आर के रस्तोगी

Language: Hindi
999 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ram Krishan Rastogi
View all
You may also like:
*तुम्हारा साथ जब मिलता है, तो मस्ती के क्या कहने (मुक्तक)*
*तुम्हारा साथ जब मिलता है, तो मस्ती के क्या कहने (मुक्तक)*
Ravi Prakash
चाहता है जो
चाहता है जो
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
हे कलम
हे कलम
Kavita Chouhan
रिश्ते चाय की तरह छूट रहे हैं
रिश्ते चाय की तरह छूट रहे हैं
Harminder Kaur
मन की आँखें खोल
मन की आँखें खोल
Kaushal Kumar Pandey आस
वक्त  क्या  बिगड़ा तो लोग बुराई में जा लगे।
वक्त क्या बिगड़ा तो लोग बुराई में जा लगे।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
रामलला ! अभिनंदन है
रामलला ! अभिनंदन है
Ghanshyam Poddar
सितमज़रीफ़ी
सितमज़रीफ़ी
Atul "Krishn"
आपदा से सहमा आदमी
आपदा से सहमा आदमी
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
अर्ज किया है
अर्ज किया है
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
शिक्षा मे भले ही पीछे हो भारत
शिक्षा मे भले ही पीछे हो भारत
शेखर सिंह
कुछ मन की कोई बात लिख दूँ...!
कुछ मन की कोई बात लिख दूँ...!
Aarti sirsat
जगमगाती चाँदनी है इस शहर में
जगमगाती चाँदनी है इस शहर में
Dr Archana Gupta
हमने तो सोचा था कि
हमने तो सोचा था कि
gurudeenverma198
निर्मोही हो तुम
निर्मोही हो तुम
A🇨🇭maanush
कहां जाके लुकाबों
कहां जाके लुकाबों
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
"सावधान"
Dr. Kishan tandon kranti
शक्ति का पूंजी मनुष्य की मनुष्यता में है।
शक्ति का पूंजी मनुष्य की मनुष्यता में है।
प्रेमदास वसु सुरेखा
🧟☠️अमावस की रात☠️🧟
🧟☠️अमावस की रात☠️🧟
SPK Sachin Lodhi
"आत्म-निर्भरता"
*Author प्रणय प्रभात*
मैं भौंर की हूं लालिमा।
मैं भौंर की हूं लालिमा।
Surinder blackpen
बहुत कीमती है पानी,
बहुत कीमती है पानी,
Anil Mishra Prahari
पिघलता चाँद ( 8 of 25 )
पिघलता चाँद ( 8 of 25 )
Kshma Urmila
*आदत बदल डालो*
*आदत बदल डालो*
Dushyant Kumar
मचलते  है  जब   दिल  फ़िज़ा भी रंगीन लगती है,
मचलते है जब दिल फ़िज़ा भी रंगीन लगती है,
डी. के. निवातिया
रातों पर अब कोई शिकवा नहीं है
रातों पर अब कोई शिकवा नहीं है
कवि दीपक बवेजा
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
मस्ती का त्योहार है,
मस्ती का त्योहार है,
sushil sarna
23/72.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/72.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आपकी आत्मचेतना और आत्मविश्वास ही आपको सबसे अधिक प्रेरित करने
आपकी आत्मचेतना और आत्मविश्वास ही आपको सबसे अधिक प्रेरित करने
Neelam Sharma
Loading...