सृजन ही मेरा काम ____ गीत
बही शब्दों की सरिता।
मै लिखता रहा कविता।।
मेरा हर पल इसमें बीता।
कभी हारा और कभी जीता।।
सृजन ही मेरा काम __ नहीं करता मैं विश्राम।।
चहुं ओर नजर को घुमाया।
मैंने जहां से जैसा पाया।।
दृश्य हृदय में समाया।
लिखने का मन बनाया।।
लिख दिया अपना पैगाम _हालातों के नाम।।
सृजन ही मेरा काम__ नहीं करता मै विश्राम।।
कवि करुण हृदय है मेरा।
हर जगह पे मेरा डेरा।।
विपरीत परिस्थिति घेरे।
तब बहते अश्रु मेरे।।
अव्यवस्थाओं पे लगे लगाम __मेरा यही है सच्चा दाम।
श्रजन ही मेरा काम__ नहीं करता मै विश्राम।।
राजेश व्यास अनुनय