Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Sep 2020 · 1 min read

सूर्य हिन्दी का

* गीतिका *
~~
सूर्य हिन्दी का प्रखर चमके गगन में।
भावना इस हेतु हो प्रत्येक मन में।

प्राप्त कर लें हम प्रगति के लक्ष्य नूतन।
चूक मत करना कभी भी आकलन में।

तीव्र गति से बढ़ रही भाषा हमारी।
स्वप्न सुन्दर से सजे हैं हर नयन में।

भक्ति भावों से भरे हैं गीत सुमधुर।
स्नेह सरिता बह रही मीरा भजन में।

ज्ञान हर विज्ञान की भाषा यही है।
पूर्णता है अंजुरी भर आचमन में।
******************************
– सुरेन्द्रपाल वैद्य

2 Likes · 4 Comments · 274 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from surenderpal vaidya
View all
You may also like:
तुम ने हम को जितने  भी  गम दिये।
तुम ने हम को जितने भी गम दिये।
Surinder blackpen
" पहला खत "
Aarti sirsat
पापा
पापा
Kanchan Khanna
- ଓଟେରି ସେଲଭା କୁମାର
- ଓଟେରି ସେଲଭା କୁମାର
Otteri Selvakumar
हम न रोएंगे अब किसी के लिए।
हम न रोएंगे अब किसी के लिए।
सत्य कुमार प्रेमी
मानव हमारी आगोश में ही पलते हैं,
मानव हमारी आगोश में ही पलते हैं,
Ashok Sharma
नमस्कार मित्रो !
नमस्कार मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
मुझे फ़र्क नहीं दिखता, ख़ुदा और मोहब्बत में ।
मुझे फ़र्क नहीं दिखता, ख़ुदा और मोहब्बत में ।
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
🏞️प्रकृति 🏞️
🏞️प्रकृति 🏞️
Vandna thakur
....ऐ जिंदगी तुझे .....
....ऐ जिंदगी तुझे .....
Naushaba Suriya
रंग रंगीली होली आई
रंग रंगीली होली आई
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
बेरोजगारी मंहगायी की बातें सब दिन मैं ही  दुहराता हूँ,  फिरभ
बेरोजगारी मंहगायी की बातें सब दिन मैं ही दुहराता हूँ, फिरभ
DrLakshman Jha Parimal
याद रहेगा यह दौर मुझको
याद रहेगा यह दौर मुझको
Ranjeet kumar patre
*बारिश आई (बाल कविता)*
*बारिश आई (बाल कविता)*
Ravi Prakash
जय माता दी -
जय माता दी -
Raju Gajbhiye
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Sidhartha Mishra
बर्दाश्त की हद
बर्दाश्त की हद
Shekhar Chandra Mitra
प्रेम एक्सप्रेस
प्रेम एक्सप्रेस
Rahul Singh
★जब वो रूठ कर हमसे कतराने लगे★
★जब वो रूठ कर हमसे कतराने लगे★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
ज़िन्दगी में अगर ऑंख बंद कर किसी पर विश्वास कर लेते हैं तो
ज़िन्दगी में अगर ऑंख बंद कर किसी पर विश्वास कर लेते हैं तो
Paras Nath Jha
परेड में पीछे मुड़ बोलते ही,
परेड में पीछे मुड़ बोलते ही,
नेताम आर सी
"खामोशी"
Dr. Kishan tandon kranti
बेजुबान और कसाई
बेजुबान और कसाई
मनोज कर्ण
मेरी किस्मत को वो अच्छा मानता है
मेरी किस्मत को वो अच्छा मानता है
कवि दीपक बवेजा
सेवा कार्य
सेवा कार्य
Mukesh Kumar Rishi Verma
स्मृति ओहिना हियमे-- विद्यानन्द सिंह
स्मृति ओहिना हियमे-- विद्यानन्द सिंह
श्रीहर्ष आचार्य
उतर चुके जब दृष्टि से,
उतर चुके जब दृष्टि से,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
ऐ मेरे हुस्न के सरकार जुदा मत होना
ऐ मेरे हुस्न के सरकार जुदा मत होना
प्रीतम श्रावस्तवी
23/137.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/137.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
खुद में भी एटीट्यूड होना जरूरी है साथियों
खुद में भी एटीट्यूड होना जरूरी है साथियों
शेखर सिंह
Loading...