Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Feb 2017 · 1 min read

सूर्य की पूजा है…… छठ पूजा।

????
सूर्य की पूजा है …..छठ पूजा,
यह आस्था विश्वास का है नाम दूजा।

यह है प्रकृति की पूजा,
नदी ,चन्द्रमा,और सूर्य की पूजा।

यह है स्वच्छता का महान उत्सव,
समाजिक परिदृश्य का महापर्व।

साफ-सूथरा घर आँगन,
यह पर्व है बड़ा ही पावन।

सजे हुए हैं नदी,पोखर,तलाब,
दीपों से जगमग रौशन घाट।

हवन से सुगंधित वातावरण,
सात्विक विचारों का अनुकरण।

सुचितापूर्ण जीवन का संगीत,
धार्मिक परम्पराओं का प्रतीक।

सुमधुर छठ का लोक गीत,
दिल में भरे अपनत्व और प्रीत।

भक्ति और अध्यात्म से युक्त,
तन मन निर्मल और शुद्ध।

स्वच्छ सकारात्मक व्यवहार,
समाज के उन्नति का आधार।

भोजन के साथ सुख शैया का त्याग
व्रती करते हैं कठिन तपस्या।

निर्जला निराहार होता यह व्रत
व्रती पहनते नुतन वस्त्र।

उगते,डूबते सूर्य को देते अर्ध्य
ठेकुआ,कसाढ़,फल,फूल करते अर्पण।

जीवन का भरपूर मिठास
रस,गुड़,चावल,गेहूँ से निर्मित प्रसाद।

हमारी समस्त शक्ति और उर्जा का स्त्रोत,
समाजिक सौहाद्र से ओतप्रोत।

धर्म अध्यात्म से परिपूर्ण
छठ पूजा सबसे महत्वपूर्ण।
????—लक्ष्मी सिंह

Language: Hindi
1089 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all
You may also like:
के जब तक दिल जवां होता नहीं है।
के जब तक दिल जवां होता नहीं है।
सत्य कुमार प्रेमी
तन्हाई बिछा के शबिस्तान में
तन्हाई बिछा के शबिस्तान में
सिद्धार्थ गोरखपुरी
पत्तों से जाकर कोई पूंछे दर्द बिछड़ने का।
पत्तों से जाकर कोई पूंछे दर्द बिछड़ने का।
Taj Mohammad
कन्या रूपी माँ अम्बे
कन्या रूपी माँ अम्बे
Kanchan Khanna
🙅लघु-कथा🙅
🙅लघु-कथा🙅
*Author प्रणय प्रभात*
जमाने के रंगों में मैं अब यूॅ॑ ढ़लने लगा हूॅ॑
जमाने के रंगों में मैं अब यूॅ॑ ढ़लने लगा हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
Mai apni wasiyat tere nam kar baithi
Mai apni wasiyat tere nam kar baithi
Sakshi Tripathi
दीप्ति
दीप्ति
Kavita Chouhan
गुलाब दिवस ( रोज डे )🌹
गुलाब दिवस ( रोज डे )🌹
Surya Barman
अल्प इस जीवन में
अल्प इस जीवन में
Dr fauzia Naseem shad
हाइकु haiku
हाइकु haiku
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
कारगिल दिवस पर
कारगिल दिवस पर
Harminder Kaur
भगवत गीता जयंती
भगवत गीता जयंती
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
" रे, पंछी पिंजड़ा में पछताए "
Chunnu Lal Gupta
जय माता दी 🙏
जय माता दी 🙏
Anil Mishra Prahari
दर्द
दर्द
Shyam Sundar Subramanian
कुछ इनायतें ख़ुदा की, कुछ उनकी दुआएं हैं,
कुछ इनायतें ख़ुदा की, कुछ उनकी दुआएं हैं,
Nidhi Kumar
"मेरे हमसफर"
Ekta chitrangini
💐प्रेम कौतुक-314💐
💐प्रेम कौतुक-314💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
सन् 19, 20, 21
सन् 19, 20, 21
Sandeep Pande
खाली मन...... एक सच
खाली मन...... एक सच
Neeraj Agarwal
ईश्वर, कौआ और आदमी के कान
ईश्वर, कौआ और आदमी के कान
Dr MusafiR BaithA
मुझे हमेशा लगता था
मुझे हमेशा लगता था
ruby kumari
अन्त हुआ सब आ गए, झूठे जग के मीत ।
अन्त हुआ सब आ गए, झूठे जग के मीत ।
sushil sarna
भगतसिंह की क़लम
भगतसिंह की क़लम
Shekhar Chandra Mitra
सुकून
सुकून
अखिलेश 'अखिल'
ऐसा भी नहीं
ऐसा भी नहीं
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
मेला दिलों ❤️ का
मेला दिलों ❤️ का
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
यादों का सफ़र...
यादों का सफ़र...
Santosh Soni
Loading...