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9 Jan 2021 · 1 min read

सुराग

सुराग ढ़ूढ़े आज मिल,किये गये अपराध
आगे बढ़कर तभी मैं , सकूँ निशाना साध

सुलझे गुत्थी तभी ही , मिले कोई सबूत
भेज तभी मैं सकूँगी, अच्छा कोई दूत

अपराधी की खोज हो, आवश्यक यह काज
मिले असल जब हमें तो ,अपने पर हो नाज

नहीं प्रशासन आज जो ,करे सही की खोज
दण्ड मिले निर्दोष को , अपराधी की है मौज

आस सदा यह रही है , दोषी को हो खौफ
पाये फांसी गलत तो , होये नाहीं तोफ

Language: Hindi
75 Likes · 398 Views
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