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22 Feb 2017 · 1 min read

~~ सुन्दरता..तेरे दीवाने…~~

सुन्दरता
तुझ को ही क्यूं
सब प्यार करते हैं
तेरे लिए जाने
कितने ही रोज मरते हैं
तू बिक रही सरे राह
बाजारों और गलियारों में
तेरे पीछे न जाने
कितने क़त्ल रोज हुआ करते हैं!!

हुस्न की देविआं
तीर दिलों पर छोड़ कर
छुप जाया करती हैं
नगनता को आज
ऐसे हो लोग
आहे भर भर के
देखा करते हैं !!

जीना मुहाल् किया
दुनिया में , आँख अब
खुद शर्म सार हो रही
तेरे दीवाने तुझ को
पाने को
न जाने कितने
बर्बाद हुआ करते हैं !!

पीते हैं और खुद
को बर्बादी की राह पर
ले जाने में
धन बर्बाद करते हैं
तेरा क्या गया,
कुछ भी तो नहीं, वो
खुद अपने परिवार
की बर्बादी का
काल बना करते हैं

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 704 Views
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