सुनो मेरे देश की कहानी !
सुनो मेरे देश की कहानी,
ना रोटी ना पीने का पानी।
रोजगार की है मारा मारी,
महंगाई से है जनता हारी।
सुनो मेरे देश की कहानी,
भ्रूण हत्याएं यहां होती हैं।
कोख में जिंदगी रोती है,
भूखे पेट माताएं सोती हैं।
सुनो मेरे देश की कहानी,
सरकारों की यहां मनमानी।
पोस्टर पर सब चमक रहा,
देश मेरा देखो दमक रहा।
सुनो मेरे देश की कहानी,
युवा सड़कों पर घूम रहा,
नशे में यहां वहां झूम रहा।
ना रोजगार है न व्यापार है,
लोकतंत्र वाली सरकार है।
सुनो मेरे देश की कहानी,
अफसरों की आनाकानी।
घूस बिना कुछ होता नहीं,
चैन से यहां कोई सोता नही।
सुनो मेरे देश की कहानी,
चुनाव की जनता दीवानी।
मत के बदले यहां पैसे मिलते,
गरीबों के भी दिन खिलते।
सुनो मेरे देश की कहानी,
विदेशों में इमेज बनाना है,
जो नहीं वो भी दिखाना है।
झूठी शान वहां बढ़ाना है।
सुनो मेरे देश की कहानी,
शिक्षा का यहां बुरा हाल है।
यूनिवर्सिटी में होता बवाल है,
फिर भी नहीं कोई मलाल है।
सुनो मेरे देश की कहानी,
मजहब की जनता दीवानी।
धर्म के नाम यहां दंगे होते,
लोग हरकतों से नंगे होते।
सुनो मेरे देश की कहानी,
बर्बाद होती यहां जवानी
सब और पसरी लाचारी,
जिंदगी मौत से भी भारी।
सुनो मेरे देश की कहानी।