सुनना-सुनाना
वो काम बहुत करता है, मगर दिखावा ज्यादा करता है ।
ऐसा नही काम उसी ने किया हो, वो मित्रों मितरो ज्यादा करता है ।।
हर बात पर भाइयो बहनों बोलता है, बहुत अच्छा लगता है ।
बड़ी सख्सियत है, झूठ आँखों में आँखे डाल के बोलता है।।
अपने मन की कहता है, अपने मन की सुनाता है ।
तुम रहो लाख परेशान, वो वस चाय के नशे में रहता है ।।
उसकी तुम सुनोगे, तुम्हारी तुम सुनोगे।
सुनना तुम्ही को है, सोच लो बोलोगे या सुनोगे ।।
तुम कहो अपनी, वो कहे अपनी , वो केवल बोलता है ।
टीवी ऑफ़ करदो, रात के 8 बजने से डर लगता है ।।