Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Aug 2017 · 1 min read

सुख दुःख दिखे एक ही साथ मे।

आसमां तक चमक आ गयी सूर्य की
अब अंधेरा धरा पर नही रूक सका
सर मे सरसिज मुदित हो उठे प्रात मे
दुख मे झुलसी कुमुदनी बात ही बात मे।
ये तो ईश्वर कैसी की कारसाजी रही
दोनो सुख दुख दिखे एक ही साथ मे।
आज दुखित कुमुदनी सोच मे पडी
कितनी खुश थी मै देखो बीती रात मे।

Language: Hindi
429 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*देकर ज्ञान गुरुजी हमको जीवन में तुम तार दो*
*देकर ज्ञान गुरुजी हमको जीवन में तुम तार दो*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
लाखों ख्याल आये
लाखों ख्याल आये
Surinder blackpen
शिक़ायत (एक ग़ज़ल)
शिक़ायत (एक ग़ज़ल)
Vinit kumar
रिश्ता कभी खत्म नहीं होता
रिश्ता कभी खत्म नहीं होता
Ranjeet kumar patre
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
గురువు కు వందనం.
గురువు కు వందనం.
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
ऐसा बदला है मुकद्दर ए कर्बला की ज़मी तेरा
ऐसा बदला है मुकद्दर ए कर्बला की ज़मी तेरा
shabina. Naaz
मां सिद्धिदात्री
मां सिद्धिदात्री
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*पछतावा*
*पछतावा*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
#ग़ज़ल
#ग़ज़ल
*Author प्रणय प्रभात*
याद हो बस तुझे
याद हो बस तुझे
Dr fauzia Naseem shad
* अवधपुरी की ओर *
* अवधपुरी की ओर *
surenderpal vaidya
सफल सारथी  अश्व की,
सफल सारथी अश्व की,
sushil sarna
*खामोशी अब लब्ज़ चाहती है*
*खामोशी अब लब्ज़ चाहती है*
Shashi kala vyas
मरने से पहले / मुसाफ़िर बैठा
मरने से पहले / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
अजनबी
अजनबी
लक्ष्मी सिंह
मन मस्तिष्क और तन को कुछ समय आराम देने के लिए उचित समय आ गया
मन मस्तिष्क और तन को कुछ समय आराम देने के लिए उचित समय आ गया
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
तड़प कर मर रही हूं तुझे ही पाने के लिए
तड़प कर मर रही हूं तुझे ही पाने के लिए
Ram Krishan Rastogi
My Guardian Angel
My Guardian Angel
Manisha Manjari
युद्ध के मायने
युद्ध के मायने
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
दान
दान
Neeraj Agarwal
छुपा सच
छुपा सच
Mahender Singh
हुआ अच्छा कि मजनूँ
हुआ अच्छा कि मजनूँ
Satish Srijan
Humiliation
Humiliation
AJAY AMITABH SUMAN
"जीवन"
Dr. Kishan tandon kranti
मेरे दिल के खूं से, तुमने मांग सजाई है
मेरे दिल के खूं से, तुमने मांग सजाई है
gurudeenverma198
रामपुर में काका हाथरसी नाइट
रामपुर में काका हाथरसी नाइट
Ravi Prakash
सुबह को सुबह
सुबह को सुबह
rajeev ranjan
बारिश का मौसम
बारिश का मौसम
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
माना   कि  बल   बहुत  है
माना कि बल बहुत है
Paras Nath Jha
Loading...