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20 Oct 2017 · 1 min read

सुखद सबेरा

सुखद सबेरा हो जीवन मे
ज्ञान प्रकाश विस्तार गगन मे
वासित हो परिवेश हमारा
मलयज सुगंध हो पवन मे
कटे अंधेरा ऩभ का सारा
चमक आ रही आज चमन मे
देख मुदित हो रहा है मानव
उठती उमंग सब जन मे मन मे
उत्साह युक्त हो रहे है हम सब
नव संकल्प लिये है मन मे
आया नव जीवन है विहान का
चमक आ रही है कन कन मे।
विन्ध्यप्रकाश मिश्र विप्र

Language: Hindi
254 Views
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