Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Aug 2018 · 1 min read

सीख जो देवें बड़े

कविता रचना ख़ुद करो वरना बनो श्रोता सखे,
काम कविता चोरी का अच्छा नहीं होता सखे!

कविता किसी कवि की लगे तुमको अगर अच्छी बहुत,
नाम ले उसका पढ़ो पर मत बनो तोता सखे!

टूटी-फूटी जो बने लिखने की ख़ुद क़ोशिश करो,
किन्तु चोरों के दुलारे मत बनो पोता सखे!

सीख जो देवें बड़े उस पर मनन-चिन्तन करो,
ज़िन्दगी में गर तुम्हें खाना नहीं गोता सखे!

फल है मिलता हर किसी को ज़िन्दगी में सच ‘सरस’,
वैसा ही मिलता मगर जैसा कि वह बोता सखे!
*सतीश तिवारी ‘सरस’,नरसिंहपुर (म.प्र.)

1 Like · 313 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
किताब का दर्द
किताब का दर्द
Dr. Man Mohan Krishna
मोहक हरियाली
मोहक हरियाली
Surya Barman
दिल की हरकते दिल ही जाने,
दिल की हरकते दिल ही जाने,
Lakhan Yadav
समय
समय
Paras Nath Jha
नया साल
नया साल
Arvina
*जन्मभूमि के कब कहॉं, है बैकुंठ समान (कुछ दोहे)*
*जन्मभूमि के कब कहॉं, है बैकुंठ समान (कुछ दोहे)*
Ravi Prakash
क्षमा अपनापन करुणा।।
क्षमा अपनापन करुणा।।
Kaushal Kishor Bhatt
3156.*पूर्णिका*
3156.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जीवन में अँधियारा छाया, दूर तलक सुनसान।
जीवन में अँधियारा छाया, दूर तलक सुनसान।
डॉ.सीमा अग्रवाल
ग़ज़ल/नज़्म - ये हर दिन और हर रात हमारी होगी
ग़ज़ल/नज़्म - ये हर दिन और हर रात हमारी होगी
अनिल कुमार
मुक़द्दर में लिखे जख्म कभी भी नही सूखते
मुक़द्दर में लिखे जख्म कभी भी नही सूखते
Dr Manju Saini
"आईने पे कहर"
Dr. Kishan tandon kranti
मुस्किले, तकलीफे, परेशानियां कुछ और थी
मुस्किले, तकलीफे, परेशानियां कुछ और थी
Kumar lalit
तेरी यादों ने इस ओर आना छोड़ दिया है
तेरी यादों ने इस ओर आना छोड़ दिया है
Bhupendra Rawat
पाश्चात्यता की होड़
पाश्चात्यता की होड़
Mukesh Kumar Sonkar
ना भई ना, यह अच्छा नहीं ना
ना भई ना, यह अच्छा नहीं ना
gurudeenverma198
Two Different Genders, Two Different Bodies And A Single Soul
Two Different Genders, Two Different Bodies And A Single Soul
Manisha Manjari
दिलकश
दिलकश
Vandna Thakur
Kya kahun ki kahne ko ab kuchh na raha,
Kya kahun ki kahne ko ab kuchh na raha,
Irfan khan
निर्जन पथ का राही
निर्जन पथ का राही
नवीन जोशी 'नवल'
शिक्षक दिवस
शिक्षक दिवस
विजय कुमार अग्रवाल
*खुद को  खुदा  समझते लोग हैँ*
*खुद को खुदा समझते लोग हैँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ऊंट है नाम मेरा
ऊंट है नाम मेरा
Satish Srijan
प्रथम शैलपुत्री
प्रथम शैलपुत्री
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
"लाचार मैं या गुब्बारे वाला"
संजय कुमार संजू
गद्दार है वह जिसके दिल में
गद्दार है वह जिसके दिल में
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Dear me
Dear me
पूर्वार्थ
#मंगलकामनाएं
#मंगलकामनाएं
*Author प्रणय प्रभात*
संग चले जीवन की राह पर हम
संग चले जीवन की राह पर हम
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
#शर्माजीकेशब्द
#शर्माजीकेशब्द
pravin sharma
Loading...