Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Dec 2019 · 1 min read

सिसक रहा कैसा संसार !

सिसक रहा कैसा संसार !
_______
दाहकता प्रचंड विकराल,
विस्मित दिशाएं ‌दग्ध ज्वाल !
आज धुंध दीखता है काला ,
नदियां दीखती है नाला ।
कूप-सरोवर सागर सिसक रहे हैं ,
पर्वत शिखर श्रृंखला सिमट रहे हैं ।
वन-उपवन रोते बहुत , खतरों में हैं आज ;
आहत प्राणी वन्यजीव , सभी सभ्य समाज ।
सर्वत्र पीड़ा करूण पुकार ,
नहीं रही सभ्यता ना संस्कार !
टूटते विश्वास ढहता जीवन ,
लूटती कलियां लूटता यौवन !
देख खोल आंखें पसार ;
सिसक रहा कैसा संसार !

आलोक पाण्डेय ‘विश्वबन्धु’

Language: Hindi
2 Comments · 187 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
My City
My City
Aman Kumar Holy
पथ सहज नहीं रणधीर
पथ सहज नहीं रणधीर
Shravan singh
ऐ बादल अब तो बरस जाओ ना
ऐ बादल अब तो बरस जाओ ना
नूरफातिमा खातून नूरी
हो समर्पित जीत तुमको
हो समर्पित जीत तुमको
DEVESH KUMAR PANDEY
बगुले तटिनी तीर से,
बगुले तटिनी तीर से,
sushil sarna
क्रिसमस दिन भावे 🥀🙏
क्रिसमस दिन भावे 🥀🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
वाह रे जमाना
वाह रे जमाना
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
"बड़ा"
Dr. Kishan tandon kranti
23/153.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/153.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तेरी यादों ने इस ओर आना छोड़ दिया है
तेरी यादों ने इस ओर आना छोड़ दिया है
Bhupendra Rawat
नमन मंच
नमन मंच
Neeraj Agarwal
■ लिख कर रखिए। सच साबित होगा अगले कुछ महीनों में।
■ लिख कर रखिए। सच साबित होगा अगले कुछ महीनों में।
*Author प्रणय प्रभात*
जिंदगी का हिसाब
जिंदगी का हिसाब
Surinder blackpen
Imagine you're busy with your study and work but someone wai
Imagine you're busy with your study and work but someone wai
पूर्वार्थ
डमरू वीणा बांसुरी, करतल घन्टी शंख
डमरू वीणा बांसुरी, करतल घन्टी शंख
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
अयाग हूँ मैं
अयाग हूँ मैं
Mamta Rani
********* कुछ पता नहीं *******
********* कुछ पता नहीं *******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
तुझे कैसे बताऊं तू कितना खाश है मेरे लिए
तुझे कैसे बताऊं तू कितना खाश है मेरे लिए
yuvraj gautam
सच की पेशी
सच की पेशी
Suryakant Dwivedi
बुद्ध को है नमन
बुद्ध को है नमन
Buddha Prakash
नेता बनाम नेताजी(व्यंग्य)
नेता बनाम नेताजी(व्यंग्य)
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
अप्प दीपो भव
अप्प दीपो भव
Shekhar Chandra Mitra
"फूलों की तरह जीना है"
पंकज कुमार कर्ण
मैं तो हमेशा बस मुस्कुरा के चलता हूॅ॑
मैं तो हमेशा बस मुस्कुरा के चलता हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
dr arun kumar shastri -you are mad for a job/ service - not
dr arun kumar shastri -you are mad for a job/ service - not
DR ARUN KUMAR SHASTRI
वृक्षों की सेवा करो, मिलता पुन्य महान।
वृक्षों की सेवा करो, मिलता पुन्य महान।
डॉ.सीमा अग्रवाल
💐प्रेम कौतुक-223💐
💐प्रेम कौतुक-223💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*नई पावन पवन लेकर, सुहाना चैत आया है (मुक्तक)*
*नई पावन पवन लेकर, सुहाना चैत आया है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
कौन कहता है कि लहजा कुछ नहीं होता...
कौन कहता है कि लहजा कुछ नहीं होता...
कवि दीपक बवेजा
The flames of your love persist.
The flames of your love persist.
Manisha Manjari
Loading...