Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Apr 2017 · 2 min read

** सिर्फ प्यार ही प्यार हो **

याद आते हैं क्यूं बीते लम्हे
जो गुजारे थे उनके साथ

रुलाते क्यूं है वो किस्से
उन बीती रातों के
जो साथ रहकर की थी बातें

आज अलग होकर क्यूं याद आती है
क्या कुछ रिश्ता हमारा – तुम्हारा था

तोड़कर जिसे ना तोड़ पाया मैं
दिल सोचकर सोचता है
यह गुनाह क्या किया था मैंने
सज़ा जिसकी मिली मुंह मोड़कर मुझको
जैसे मिले ही ना थे राहे इश्क में हम-तुम
दिल टूटा यूं दर्पण की भांति
तड़पा दिल जैसे
बिन तर्पण तड़पती हो आत्मा मेरी

आईने में आईना देखकर खुद अपना रोक कर ना रोक पाया रोना अपना

क्यूं मिलाया था दो दिलों को
यूं तोड़ने की ख़ातिर जालिमो ने

हो सकते थे दो रास्ते पहले भी
उनके देता वास्ता हूं दिलो का

यूं ठोकर मारने के वास्ते
ना मिलाये कोई दो दिलों को यूं

याद आते हैं किस्से उस बीती रातो
के हमको और रुलाते हैं हमे
मिलने के वास्ते
यूं दो दिलो को जोड़कर
तोड़कर हंसना नहीं

रिस्ते बनाने से नही बनते कहते हैं
हम हाथ जोड़कर
अख़्तियार नही कुदरत के रिस्तो
को तोड़ने का तुमको

रोने का हक़ है तुम्हे रुलाने का नही मरने का हक है मारने का नही

सजा पाने का हक है सजा देने का नही
प्यार पाने का हक है प्यार छुपाने का
नहीं

याद आते हैं वो लम्हे जी गुजारे थे उनके साथ रुलाते है उनके किस्से
बीती रातों की यादों के साथ
रिश्ता कुछ तो था हमारा-तुम्हारा भी चाहे नाम ना दे पाये हम-तुम उसको
जिसे तोड़कर भी
ना अब तक तोड़पाया हूं मैं अब तक
क्या गुनाह किया था मैंने
जिसकी सजा मिली है मुझको

दुहाई है दिलवालो को अपने दिल की दिल जोड़कर ना तोड़े फिर कभी
टूटे दिल के तारो को जोड़कर
इश्क का नया सरगम सजायें
प्यार के सुर हो और
सुनने वाला दिल हो वहां

इक तमन्ना है मेरी
दुनियां दिल की आबाद हो
फिर कहीं रोशन इश्क का चिराग़ हो
रोशनी प्यार की लहराये सागर-जहां में बिनमोल दिल-बाज़ार में आकर
ग़म दूर हो जायें दिल के

दिल दे दिल ले
ऐसा व्यापार विनिमय हो दिल का
प्यारा इक संसार हो दिल का

जहां सिर्फ प्यार ही प्यार हो
बस सिर्फ प्यार ही प्यार हो ।
?मधुप बैरागी

Language: Hindi
1 Like · 440 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from भूरचन्द जयपाल
View all
You may also like:
संविधान शिल्पी बाबा साहब शोध लेख
संविधान शिल्पी बाबा साहब शोध लेख
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
पूरी उम्र बस एक कीमत है !
पूरी उम्र बस एक कीमत है !
पूर्वार्थ
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
बिना आमन्त्रण के
बिना आमन्त्रण के
gurudeenverma198
भारत सनातन का देश है।
भारत सनातन का देश है।
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
बुद्धत्व से बुद्ध है ।
बुद्धत्व से बुद्ध है ।
Buddha Prakash
"कोढ़े की रोटी"
Dr. Kishan tandon kranti
कुछ पल अपने लिए
कुछ पल अपने लिए
Mukesh Kumar Sonkar
सुवह है राधे शाम है राधे   मध्यम  भी राधे-राधे है
सुवह है राधे शाम है राधे मध्यम भी राधे-राधे है
Anand.sharma
*जी रहें हैँ जिंदगी किस्तों में*
*जी रहें हैँ जिंदगी किस्तों में*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जल उठी है फिर से आग नफ़रतों की ....
जल उठी है फिर से आग नफ़रतों की ....
shabina. Naaz
Ye sham adhuri lagti hai
Ye sham adhuri lagti hai
Sakshi Tripathi
# मंजिल के राही
# मंजिल के राही
Rahul yadav
रिश्ता
रिश्ता
सुशील कुमार सिंह "प्रभात"
अगर मेरे अस्तित्व को कविता का नाम दूँ,  तो इस कविता के भावार
अगर मेरे अस्तित्व को कविता का नाम दूँ, तो इस कविता के भावार
नव लेखिका
बिना पंख फैलाये पंछी को दाना नहीं मिलता
बिना पंख फैलाये पंछी को दाना नहीं मिलता
Anil Mishra Prahari
बचपन बेटी रूप में
बचपन बेटी रूप में
लक्ष्मी सिंह
23/41.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/41.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
■ वैचारिक भड़ास...!
■ वैचारिक भड़ास...!
*Author प्रणय प्रभात*
💐प्रेम कौतुक-382💐
💐प्रेम कौतुक-382💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
इंसानियत
इंसानियत
साहित्य गौरव
आज कल लोगों के दिल
आज कल लोगों के दिल
Satish Srijan
ज़िंदगी कब उदास करती है
ज़िंदगी कब उदास करती है
Dr fauzia Naseem shad
"अंतिम-सत्य..!"
Prabhudayal Raniwal
विनाश नहीं करती जिन्दगी की सकारात्मकता
विनाश नहीं करती जिन्दगी की सकारात्मकता
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
खून के रिश्ते
खून के रिश्ते
Dr. Pradeep Kumar Sharma
.
.
Ms.Ankit Halke jha
मानवता
मानवता
Rahul Singh
फितरत
फितरत
Kanchan Khanna
** सुख और दुख **
** सुख और दुख **
Swami Ganganiya
Loading...