सिर्फ तुम
एक अटूट सा रिश्ता
मेरे तुम्हारे बीच,
शब्दों की सीमा मे…
जिसे नहीं बांधा जा सकता,
क्या नाम दूं इसे
प्यार, दोस्ती या फिर मेरी कल्पना,
सभी कुछ तो हो
तुम …
मेरी सांसो में भी
सिर्फ तुम..
एक अटूट सा रिश्ता
मेरे तुम्हारे बीच,
शब्दों की सीमा मे…
जिसे नहीं बांधा जा सकता,
क्या नाम दूं इसे
प्यार, दोस्ती या फिर मेरी कल्पना,
सभी कुछ तो हो
तुम …
मेरी सांसो में भी
सिर्फ तुम..