Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Dec 2019 · 2 min read

सिर्फ इतनी ही है “नारी”

नर और नारी का एक ही है भेद ,
नारी है मेनका , नर है शेर ।
हो आठ की या अठारह की या हो वो अठाइस की ,
सबके मन में छाई उसका जिस्म ही एक फरमाइश सी ।
सुनकर तुम्हारी तुच्छ टिप्पणियां ,
हर पल शर्म उसे आती थी ,
हर गली के नुक्कड़ – चौराहे पर चलती है घबराई सी ,
कहीं कोई दरिंदा न लुट ले उसके आबरू की गरमाइश भी ।
क्या यही हैं सम्मान ओ नारी तेरा ,
क्या इसी लिए तु धरा पर आयी थी ?

निकली जो घर से सलवार कमीज़ पहन कर तो ,
कमर छाती नाप लेते हो ।
साड़ी पहन कर अगर निकले तो ,
नाभि की गहराई बताते हो ।
कमीज़ का बटन हो अगर ढीला तो ,
उसमें झांक ब्रा का रंग बताते हो ।
अगर स्कर्ट हो थोड़ी छोटी तो ,
रूक रूक कर तुम जांघें देखते हो ।
हर नारी को अपना निजी धन समझते हो ,
देख रंग – रूप – आकार उसकी पवित्रता को दर्शाते हो ।
हे नर ! पहले ये तो बताओ ,
क्या तुम घर जाकर खुद नारी बन जाते हो ?

जिस छाती का दूध पिया तुमने ,
उसे भूल क्यों दुसरे की छाती रौंध आते हो ?
जिस कोख से जन्म लिया तुमने ,
फिर उसी कोख को क्यों उजाड़ जाते हों ?
एक क्षण की खुशी के लिए ,
उसकी सारी जिंदगी शमशान बना जाते हो‌ ।
हे नर ! क्या तुम इतने भुखे हो‌ कि ,
घर की एक नारी के नहीं हो सकते हो ?

अगर हो गई घटना कोई ,
सबकी नज़र नारी पर छाई रहती है ,
कभी कुलकर्णी , कभी रनडी , कभी वैश्या कहीं जाती है ।
उसके शरीर से बढ़कर कभी किसी को वो भाए नहीं ,
अपने मर्जी से किसी की हवश अगर वो मिटाई तो ,
सबके लिए चरित्रहीन कहलाई वो ।
अगर जबरदस्ती की शिकार हुई तो ,
बलात्कार पीड़ित कहलाई वो ।
दोनों ही स्थितियों में खुद को एक समान ‌‌‌‌‌पाई वो ,
कभी दुर्गा , कभी निर्भया कहलाई वो ।
क्या यही है नारी सम्मान ?
या है ये अपमान !

ज्योति
(16 दिसम्बर 2012 में ‌‌‌‌‌‌‌बसंत विहार बस गैंगरेप हुआ )
नई दिल्ली

Language: Hindi
3 Likes · 396 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ज्योति
View all
You may also like:
हे मन
हे मन
goutam shaw
दीवानगी
दीवानगी
Shyam Sundar Subramanian
कहानी
कहानी
कवि रमेशराज
आइये, तिरंगा फहरायें....!!
आइये, तिरंगा फहरायें....!!
Kanchan Khanna
मायूस ज़िंदगी
मायूस ज़िंदगी
Ram Babu Mandal
वर्तमान समय मे धार्मिक पाखण्ड ने भारतीय समाज को पूरी तरह दोह
वर्तमान समय मे धार्मिक पाखण्ड ने भारतीय समाज को पूरी तरह दोह
शेखर सिंह
"इण्टरनेट की सीमाएँ"
Dr. Kishan tandon kranti
2881.*पूर्णिका*
2881.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मैं क्या लिखूँ
मैं क्या लिखूँ
Aman Sinha
“गुप्त रत्न”नहीं मिटेगी मृगतृष्णा कस्तूरी मन के अन्दर है,
“गुप्त रत्न”नहीं मिटेगी मृगतृष्णा कस्तूरी मन के अन्दर है,
गुप्तरत्न
■ मीठा-मीठा गप्प, कड़वा-कड़वा थू।
■ मीठा-मीठा गप्प, कड़वा-कड़वा थू।
*Author प्रणय प्रभात*
*ऐसी हो दिवाली*
*ऐसी हो दिवाली*
Dushyant Kumar
वन को मत काटो
वन को मत काटो
Buddha Prakash
तुम्हारी खूब़सूरती क़ी दिन रात तारीफ क़रता हूं मैं....
तुम्हारी खूब़सूरती क़ी दिन रात तारीफ क़रता हूं मैं....
Swara Kumari arya
मकर संक्रांति -
मकर संक्रांति -
Raju Gajbhiye
कोशिशों में तेरी
कोशिशों में तेरी
Dr fauzia Naseem shad
रहती कब रजनी सदा, आता निश्चित भोर(कुंडलिया)*
रहती कब रजनी सदा, आता निश्चित भोर(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
पास ही हूं मैं तुम्हारे कीजिए अनुभव।
पास ही हूं मैं तुम्हारे कीजिए अनुभव।
surenderpal vaidya
💐अज्ञात के प्रति-6💐
💐अज्ञात के प्रति-6💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
सारी दुनिया में सबसे बड़ा सामूहिक स्नान है
सारी दुनिया में सबसे बड़ा सामूहिक स्नान है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
रात भर इक चांद का साया रहा।
रात भर इक चांद का साया रहा।
Surinder blackpen
बड़ी ही शुभ घड़ी आयी, अवध के भाग जागे हैं।
बड़ी ही शुभ घड़ी आयी, अवध के भाग जागे हैं।
डॉ.सीमा अग्रवाल
चलो...
चलो...
Srishty Bansal
तेरे संग मैंने
तेरे संग मैंने
लक्ष्मी सिंह
कहो कैसे वहाँ हो तुम
कहो कैसे वहाँ हो तुम
gurudeenverma198
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
चंद सिक्कों की खातिर
चंद सिक्कों की खातिर
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आसां  है  चाहना  पाना मुमकिन नहीं !
आसां है चाहना पाना मुमकिन नहीं !
Sushmita Singh
आदिम परंपराएं
आदिम परंपराएं
Shekhar Chandra Mitra
तारो की चमक ही चाँद की खूबसूरती बढ़ाती है,
तारो की चमक ही चाँद की खूबसूरती बढ़ाती है,
Ranjeet kumar patre
Loading...