Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jan 2021 · 1 min read

साहित्य में सौदेबाजी

इलेक्ट्रिक मीडिया के प्रभाव से
हिंदी साहित्य सृजन बढ़ा है
साहित्यकारों ने बना बना ग्रुप
फेसबुक व्हाटसप को भरा है
कुछ चलाते लाइक की शर्त
कुछ ने वोट आप्शन जोड़ा है
साहित्य प्रेमियों को रिझाने
ई प्रकाशन मुफ्त किया है
रंग बिरंगे प्रमाण पत्र हित
लिखते नवोदित साहित्यकार
कलम स्याही से दूर हो गये
कलमकार बने मोबाइलकार
साहित्य साधना की कठिनता
सरलता में बदल रही है
आपस में वोट लाइक की शर्त
सौदेबाजी सी चल रही है
तुम मेरी रचना लाइक करो
मैं तुम्हारी लाइक करूँगा
गुणवत्ता की नहीं पूछ परख
छपने से निश्चिंत रहूँगा
यदि फैल हुई सौदेबाजी
दूसरा ग्रुप ज्वाइन करूँगा
जो छापते पैसा ले लेकर
रचना अपनी छपवा लूँगा
आधुनिक युग का साहित्यकार
अधिक छपने से ही बनता है
गद्य पद्य दोनों रूपों को
कविता का दर्जा मिलता है
विधा के जानकार लुप्त हुए
जो हैं उन्हें कौन पूछता है
सरस्वती देवी सदा गंभीर
लक्ष्मी जी की मान्यता है ।

राजेश कौरव सुमित्र

Language: Hindi
1 Like · 225 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Rajesh Kumar Kaurav
View all
You may also like:
कि मुझे सबसे बहुत दूर ले जाएगा,
कि मुझे सबसे बहुत दूर ले जाएगा,
Deepesh सहल
करो सम्मान पत्नी का खफा संसार हो जाए
करो सम्मान पत्नी का खफा संसार हो जाए
VINOD CHAUHAN
पूर्ण-अपूर्ण
पूर्ण-अपूर्ण
Srishty Bansal
फिर हो गया सबेरा,सारी रात खत्म,
फिर हो गया सबेरा,सारी रात खत्म,
Vishal babu (vishu)
तपाक से लगने वाले गले , अब तो हाथ भी ख़ौफ़ से मिलाते हैं
तपाक से लगने वाले गले , अब तो हाथ भी ख़ौफ़ से मिलाते हैं
Atul "Krishn"
* यौवन पचास का, दिल पंद्रेह का *
* यौवन पचास का, दिल पंद्रेह का *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
World stroke day
World stroke day
Tushar Jagawat
ये आँखें तेरे आने की उम्मीदें जोड़ती रहीं
ये आँखें तेरे आने की उम्मीदें जोड़ती रहीं
Kailash singh
गांव में छुट्टियां
गांव में छुट्टियां
Manu Vashistha
बाल कविता: भालू की सगाई
बाल कविता: भालू की सगाई
Rajesh Kumar Arjun
सच और हकीकत
सच और हकीकत
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
ज्ञान~
ज्ञान~
दिनेश एल० "जैहिंद"
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ/ दैनिक रिपोर्ट*
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ/ दैनिक रिपोर्ट*
Ravi Prakash
2477.पूर्णिका
2477.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
Motivational
Motivational
Mrinal Kumar
मन मूरख बहुत सतावै
मन मूरख बहुत सतावै
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
कितना ज्ञान भरा हो अंदर
कितना ज्ञान भरा हो अंदर
Vindhya Prakash Mishra
It is not necessary to be beautiful for beauty,
It is not necessary to be beautiful for beauty,
Sakshi Tripathi
मुक्तक -
मुक्तक -
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
💐प्रेम कौतुक-467💐
💐प्रेम कौतुक-467💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
रंग आख़िर किसलिए
रंग आख़िर किसलिए
*Author प्रणय प्रभात*
" तू "
Dr. Kishan tandon kranti
लोग कह रहे हैं आज कल राजनीति करने वाले कितने गिर गए हैं!
लोग कह रहे हैं आज कल राजनीति करने वाले कितने गिर गए हैं!
Anand Kumar
कोई उम्मीद
कोई उम्मीद
Dr fauzia Naseem shad
फागुन
फागुन
पंकज कुमार कर्ण
जो दिल दरिया था उसे पत्थर कर लिया।
जो दिल दरिया था उसे पत्थर कर लिया।
Neelam Sharma
दासी
दासी
Bodhisatva kastooriya
पूस की रात।
पूस की रात।
Anil Mishra Prahari
कावड़ियों की धूम है,
कावड़ियों की धूम है,
manjula chauhan
तूं ऐसे बर्ताव करोगी यें आशा न थी
तूं ऐसे बर्ताव करोगी यें आशा न थी
Keshav kishor Kumar
Loading...