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25 Jul 2017 · 1 min read

सावन है शिव का मास

सावन है शिव का मास,
दुःखाे का करते ह्रास,
शिव है कल्याण का दूजा नाम,
बिगड़े हुए बन जाए सभी काम,
खुद हलाहल विष पीते,
भक्ताे काे अमृत पिलाते,
दुष्टाे के लिये हाे महाकाल,
बन जाते हाे उनका काल,
जब पड़े क्राेध मे दृष्टि,
भस्म हाे जाये सारीे सृष्टि,
डम डम डमरू बाजे,
जयकाराे से मंदिर गूंजे,
डगमग डगमग धरा डाेले,
जब तांडव आपका बाेले,
आपका वेष है बड़ा विचित्र वाला,
भाल शशि ,गले मे डाले सर्पाे की माला,
हाथ में लेकर त्रिशूल,
भक्ताे का हरते शूल,
सिर पर गंगा विराजे,
तन पर मृग छाल सजे,
भांग धतूरे का सेवन करते,
भस्म का श्रंगार करते,
।।जेपीएल।।

Language: Hindi
156 Views
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