Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Oct 2020 · 1 min read

साया

दरम्याना रोशनी में लगा कि कोई साया मुझे ताक रहा है!गहरी हंसी गूंज गयी और फिर लंबा अटहास देर तक दूर तक वहीं कहीं गूंजता रहा।
बंद खिड़की के शीशों से आती मटियाली धीमी रोशनी में आकृतियां हिलती-धूलती रही पर कहीं भी अपनापन न दिखा।तुम्हे छूते ही कहीं अंतर्मुग्ध हो गया तुम छिपे हो यहीं कहीं किसी पन्ने के ख़ास प्रकरण में!
मनोज शर्मा

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 228 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
गुजर जाती है उम्र, उम्र रिश्ते बनाने में
गुजर जाती है उम्र, उम्र रिश्ते बनाने में
Ram Krishan Rastogi
इश्क की रूह
इश्क की रूह
आर एस आघात
बदलता चेहरा
बदलता चेहरा
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
ज़िंदा होने का सबूत दो
ज़िंदा होने का सबूत दो
Shekhar Chandra Mitra
वसंततिलका छन्द
वसंततिलका छन्द
Neelam Sharma
#मुक्तक
#मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
अनजान रिश्ते...
अनजान रिश्ते...
Harminder Kaur
गिनती
गिनती
Dr. Pradeep Kumar Sharma
"ऐ दिल"
Dr. Kishan tandon kranti
2603.पूर्णिका
2603.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
पसरी यों तनहाई है
पसरी यों तनहाई है
Dr. Sunita Singh
एक सलाह, नेक सलाह
एक सलाह, नेक सलाह
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
* मुस्कुराते नहीं *
* मुस्कुराते नहीं *
surenderpal vaidya
अब तो ख़िलाफ़े ज़ुल्म ज़ुबाँ खोलिये मियाँ
अब तो ख़िलाफ़े ज़ुल्म ज़ुबाँ खोलिये मियाँ
Sarfaraz Ahmed Aasee
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ/ दैनिक रिपोर्ट*
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ/ दैनिक रिपोर्ट*
Ravi Prakash
मिलन फूलों का फूलों से हुआ है_
मिलन फूलों का फूलों से हुआ है_
Rajesh vyas
दिल से करो पुकार
दिल से करो पुकार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
✍️♥️✍️
✍️♥️✍️
Vandna thakur
सुपर हीरो
सुपर हीरो
Sidhartha Mishra
लड़का हो या लड़की ये दोनो एक किताब की तरह है ये अपने जीवन का
लड़का हो या लड़की ये दोनो एक किताब की तरह है ये अपने जीवन का
पूर्वार्थ
रेत और जीवन एक समान हैं
रेत और जीवन एक समान हैं
राजेंद्र तिवारी
यूनिवर्सिटी के गलियारे
यूनिवर्सिटी के गलियारे
Surinder blackpen
ज्ञान -दीपक
ज्ञान -दीपक
Pt. Brajesh Kumar Nayak
फूलों की ख़ुशबू ही,
फूलों की ख़ुशबू ही,
Vishal babu (vishu)
जिस समय से हमारा मन,
जिस समय से हमारा मन,
नेताम आर सी
दो जिस्म एक जान
दो जिस्म एक जान
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मेरी बातों का असर यार हल्का पड़ा उस पर
मेरी बातों का असर यार हल्का पड़ा उस पर
कवि दीपक बवेजा
काश
काश
Sidhant Sharma
है हमारे दिन गिने इस धरा पे
है हमारे दिन गिने इस धरा पे
DrLakshman Jha Parimal
मैं हु दीवाना तेरा
मैं हु दीवाना तेरा
Basant Bhagawan Roy
Loading...