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27 Aug 2019 · 1 min read

सामना पत्नी से

छंदमुक्त हास्य कविता
चार सौ बीस

है ये शौध
विषय का
बना कैसे
शब्द
चार सौ बीस
है खेल ये
मजेदार
पैसों का
कर पत्नी
हेराफेरी
करे
चार सौ बीसी
पति से

है पति
नादान बैचारा
न समझे
पत्नी की
चालबाजी
घूमता रहता
पत्नी की
ऊँगलियों पर

चार सौ बीस
पत्नी का
ना समझ पति
बनने में ही
पति ई
समझदारी
नहीं मिलेगा
दाना पानी
अगर दिखलाई
होशियारी

स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल

Language: Hindi
396 Views
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