साथ नहीं भूले
भूले हैं हर बात,तुम्हारा साथ नहीं भूले।
यार हमें है याद,हम मुलाक़ात नहीं भूले।।
हँसके बातें करना,मिलके मुस्क़ुराना।
चुपके दबे पाँव आ,आँखें मेरी छिपाना।
उन हाथों की छुअन,अहसास नहीं भूले।
यार हमें है…………………………….।
कविता ग़ज़ल नग़मा,कभी नज़्म बनती।
याद तुम्हारी मीठी, दिल में जो उतरती।
मिलने वाली इसपे,कोई दाद नहीं भूले।
यार हमें है……………………………।
तेरी मेरी बातें यारा,चलती रहें सदा।
हम दोनों साथ रहें,हो न कभी ज़ुदा।
क़समें वादों की वो,लम्हात् नहीं भूले।
यार हमें है……………………………।
तुम कवि कविता हो,हो शायर की ग़ज़ल।
मेरे दिल का आइना,आँखों का काजल।
दीद से ख़ुश दिल के,उन्माद नहीं भूले।
यार हमें है…………………………….।
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राधेयश्याम बंगालिया “प्रीतम”
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