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5 Mar 2017 · 1 min read

साथ चलोगे (व्यंग्य)

साथ चलोगे
*
यार तुम्हें एक बात सुनाऊं सुन लोगे
छोड़ के सारे झंझट मेरे साथ चलोगे

क्या रखा है जीवन के इन संघर्षों में
मिलकर नाम कमाएंगे हम राजनीति में
खूब करेंगे ऐश मिलेगा मोटा चन्दा
सरपट दौड़ पड़ेगा अपना तो धन्धा

पैदल एक कदम जमीं पर नहीं धरोगे
छोड़ के सारे झंझट मेरे साथ चलोगे

ऊंचा होगा खूब मौज मस्ती का झंडा
जनता को समझाएंगे अंडे का फंडा
बड़े मजे से दिन अपने कट जाएंगे
जगह जगह सम्मान ही पूरा पाएंगे

ऊंचे स्वर में जय कुर्सी की बोलोगे
छोड़ के सारे झंझट मेरे साथ चलोगे

जनता है बेचारी वोट हमें ही देगी
बदले में हमसे केवल आश्वासन लेगी
जिसकी कोई कमी हमारे पास नहीं है
जनता की कमजोर बहुत ही नब्ज यही है

साथ मेरे तुम भी जनता की जय बोलोगे
छोड़ के सारे झंझट मेरे साथ चलोगे

**************************
-सुरेन्द्रपाल वैद्य, ०५/०३/२०१७

Language: Hindi
1 Like · 430 Views
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