साथी
जब पथ पर हो साथी संग,
फिर हो चाहे कैसी ही जंग,
भागेगा ही अरि छोड़ मैदान,
जग कहता सुनो लगा कान,
दुःख भी पूछकर आएगा,
सुख रूठकर नही जाएगा,
होगा जीवन तुम्हारा सुगम,
जग कहे नही आएगा गम,
जब पथ पर थामोगे हाथ,
मंजिल मिलेगी बढ़ोगे साथ,
दूर होगा तुम्हारा सारा तम,
जग की दुआँ प्रेम न हो कम,
।।।जे पी लववंशी ।।।