Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Dec 2019 · 1 min read

सागर की लहरें सुनों

#विधा_दोहा_गीत

सागर की लहरें सुनों, तुम से करूँ गुहार।
झूठ-मूठ का ही सही,हमसे कर लो प्यार। ।

मोती मानिक से भरे,तुम हो बहुत विशाल।
लहर-लहर कर हर घड़ी, मारो नहीं उछाल।
अपनी ताकत का सदा, शेखी नहीं बघार।
झूठ-मूठ का ही सही,हमसे कर लो प्यार। ।

गुस्से के तेवर कभी, कभी बहुत ही शांत।
गूढ़ रहस्यों से भरा,तेरा हर इक प्रांत।।
कर लो हमसे दोस्ती,मिल लो बाँह पसार।
झूठ-मूठ का ही सही,हमसे कर लो प्यार। ।

उठ-उठ गिर-गिर कर लहर,बहुत लगाती जोड़।
झाग युक्त निज चिन्ह को,तट पर जाती छोड़।
लहरें होकर यूँ विकल, किसको रही पुकार।
झूठ-मूठ का ही सही,हमसे कर लो प्यार। ।

शत -शत घातों को सहे, विष का करती पान।
नभ का माथा चूमती, अतल सिन्धु को छान।।
कोटि -कोटि आकुल हृदय,नगपति-सा ललकार।
झूठ-मूठ का ही सही,हमसे कर लो प्यार। ।

करती है संचार तू, ताकत ,साहस, जोश ।
अनुपम अभिनय से करें, कण-कण को मदहोश।।
धीरे-धीरे से बहो,सारी थकन उतार।
झूठ-मूठ का ही सही,हमसे कर लो प्यार। ।

-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली

1 Like · 191 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all
You may also like:
अहसान का दे रहा हूं सिला
अहसान का दे रहा हूं सिला
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
माँ आजा ना - आजा ना आंगन मेरी
माँ आजा ना - आजा ना आंगन मेरी
Basant Bhagawan Roy
2328.पूर्णिका
2328.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
पत्नी
पत्नी
Acharya Rama Nand Mandal
मुस्कुराती आंखों ने उदासी ओढ़ ली है
मुस्कुराती आंखों ने उदासी ओढ़ ली है
Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash)
"गुल्लक"
Dr. Kishan tandon kranti
Please Help Me...
Please Help Me...
Srishty Bansal
चाँद की विकृति
चाँद की विकृति
*Author प्रणय प्रभात*
ऋतु शरद
ऋतु शरद
Sandeep Pande
संवेदना
संवेदना
Neeraj Agarwal
प्रेम में डूबे रहो
प्रेम में डूबे रहो
Sangeeta Beniwal
आया तीजो का त्यौहार
आया तीजो का त्यौहार
Ram Krishan Rastogi
हिंदीग़ज़ल में होता है ऐसा ! +रमेशराज
हिंदीग़ज़ल में होता है ऐसा ! +रमेशराज
कवि रमेशराज
*पिता का प्यार*
*पिता का प्यार*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
*रोते बूढ़े कर रहे, यौवन के दिन याद ( कुंडलिया )*
*रोते बूढ़े कर रहे, यौवन के दिन याद ( कुंडलिया )*
Ravi Prakash
"व्यक्ति जब अपने अंदर छिपी हुई शक्तियों के स्रोत को जान लेता
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
गुजारे गए कुछ खुशी के पल,
गुजारे गए कुछ खुशी के पल,
Arun B Jain
मीडिया पर व्यंग्य
मीडिया पर व्यंग्य
Mahender Singh
रक्षाबंधन
रक्षाबंधन
Sanjay ' शून्य'
देख लेना चुप न बैठेगा, हार कर भी जीत जाएगा शहर…
देख लेना चुप न बैठेगा, हार कर भी जीत जाएगा शहर…
Anand Kumar
गल्तफ़हमी है की जहाँ सूना हो जाएगा,
गल्तफ़हमी है की जहाँ सूना हो जाएगा,
_सुलेखा.
छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस
छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
रिटायमेंट (शब्द चित्र)
रिटायमेंट (शब्द चित्र)
Suryakant Dwivedi
बनाकर रास्ता दुनिया से जाने को क्या है
बनाकर रास्ता दुनिया से जाने को क्या है
कवि दीपक बवेजा
आखिर वो तो जीते हैं जीवन, फिर क्यों नहीं खुश हम जीवन से
आखिर वो तो जीते हैं जीवन, फिर क्यों नहीं खुश हम जीवन से
gurudeenverma198
मेरी बेटी मेरा अभिमान
मेरी बेटी मेरा अभिमान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
सिर्फ़ सवालों तक ही
सिर्फ़ सवालों तक ही
पूर्वार्थ
💐अज्ञात के प्रति-73💐
💐अज्ञात के प्रति-73💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
भ्रष्टाचार ने बदल डाला
भ्रष्टाचार ने बदल डाला
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
अगर मरने के बाद भी जीना चाहो,
अगर मरने के बाद भी जीना चाहो,
Ranjeet kumar patre
Loading...