Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Sep 2017 · 1 min read

” ———————————————- साँसों के मधुवन से ” !!

मुस्कानों को सरल बनाना , सीखे कोई हमसे !
मर्यादा में रहना भी है , सचमुच हमें कसम से !!

लम्हों को गुलज़ार बना दें , ऐसे जादूगर हैं !
आसपास परिहास सिमटता , आँचल लिपटे तन से !!

उमड़ घुमड़ कर रूप सलोना , ऐसे छा जाता है !
नज़रें नहीं मिला पाते हैं , हम तो खुद दर्पण से !!

आंखों में अचरज यों तैरे , सब के भाव बदलते !
उम्र यहां उछला करती है , मतवारे नयनन से !!

अनगढ़ औ सयाने सब यहां , राय दिये जाते हैं !
हमें जीतना हैं गढ़ सारे , साधे सही जतन से !!

आंखों में उल्लास छिपाये , भाल सदा उन्नत है !
खुशबू यहां बिखेरा करते , सांसों के मधुवन से !!

तन मन सब गुलाब से महके , मौसम हुआ गुलबिया !
यहां प्रकृति रंग भरती है , सच में अपने रंग से !!

तुमने दी सौगातें ऐसी , पल पल चहक रहे हैं !
हमको साथ निभाना होगा , जानो कई जनम से !!

बृज व्यास

Language: Hindi
Tag: गीत
401 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सुबह की नींद सबको प्यारी होती है।
सुबह की नींद सबको प्यारी होती है।
Yogendra Chaturwedi
ये बात पूछनी है - हरवंश हृदय....🖋️
ये बात पूछनी है - हरवंश हृदय....🖋️
हरवंश हृदय
3106.*पूर्णिका*
3106.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तेरा सहारा
तेरा सहारा
Er. Sanjay Shrivastava
तसव्वुर
तसव्वुर
Shyam Sundar Subramanian
307वीं कविगोष्ठी रपट दिनांक-7-1-2024
307वीं कविगोष्ठी रपट दिनांक-7-1-2024
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
अर्ज किया है
अर्ज किया है
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
कागज ए ज़िंदगी............एक सोच
कागज ए ज़िंदगी............एक सोच
Neeraj Agarwal
न चाहे युद्ध वही तो बुद्ध है।
न चाहे युद्ध वही तो बुद्ध है।
Buddha Prakash
"कथा" - व्यथा की लिखना - मुश्किल है
Atul "Krishn"
सत्य तो सीधा है, सरल है
सत्य तो सीधा है, सरल है
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
मेरी जिंदगी में मेरा किरदार बस इतना ही था कि कुछ अच्छा कर सकूँ
मेरी जिंदगी में मेरा किरदार बस इतना ही था कि कुछ अच्छा कर सकूँ
Jitendra kumar
Samay  ka pahiya bhi bada ajib hai,
Samay ka pahiya bhi bada ajib hai,
Sakshi Tripathi
💐प्रेम कौतुक-539💐
💐प्रेम कौतुक-539💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
घर पर घर
घर पर घर
Surinder blackpen
मैं गलत नहीं हूँ
मैं गलत नहीं हूँ
Dr. Man Mohan Krishna
ఉగాది
ఉగాది
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
पिता की आंखें
पिता की आंखें
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
#संस्मरण
#संस्मरण
*Author प्रणय प्रभात*
बिटिया की जन्मकथा / मुसाफ़िर बैठा
बिटिया की जन्मकथा / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
अब तो इस वुज़ूद से नफ़रत होने लगी मुझे।
अब तो इस वुज़ूद से नफ़रत होने लगी मुझे।
Phool gufran
गुड़िया
गुड़िया
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मुरझाए चेहरे फिर खिलेंगे, तू वक्त तो दे उसे
मुरझाए चेहरे फिर खिलेंगे, तू वक्त तो दे उसे
Chandra Kanta Shaw
वृंदावन की कुंज गलियां 💐
वृंदावन की कुंज गलियां 💐
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
बेटा बेटी का विचार
बेटा बेटी का विचार
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
बाल कविता: मोटर कार
बाल कविता: मोटर कार
Rajesh Kumar Arjun
किसानों की दुर्दशा पर एक तेवरी-
किसानों की दुर्दशा पर एक तेवरी-
कवि रमेशराज
दीवाली
दीवाली
Nitu Sah
खुशनसीब
खुशनसीब
Naushaba Suriya
"बिना पहचान के"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...